लॉकडाउन लेक्चर सीरीज वन में बोले प्रवीर कृष्णा भारत में ट्राबल कम्युनिटी के विकास के लिए वन धन योजना महत्वपूर्ण

पटना में आई क्यू एस सी, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस , पटना के अर्थशास्त्र विभाग संयुक्त तत्वाधान में लॉकडाउन लेक्चर सीरीज वन का आयोजन किया गया । इस सीरिज में मुख्य अतिथि और रिसोर्स पर्सन के रूप में आई ए एस प्रवीर कृष्णा मौजूद रहे । प्रवीर कृष्णा मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग के संयुक्त सचिव और ट्राबल कॉपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं साथ भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव के रैंक में कार्यरत हैं । उन्होंने अपने व्याख्यान में पोस्ट कोविड-19 में भारत में ट्राबल कम्युनिटी के विकास के लिए वन धन योजना की चर्चा की।

डॉ० (प्रो०) तपन कुमार शांडिल्य,
पूर्व कुलपति, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना।
प्राचार्य, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना

वास्तव में उन्होंने वन धन योजना लर्निंगस पोस्ट कोविड – 19 पर एक विस्तृत व्याख्यान दिया । उन्होंने बिहार के संबंध में अपनी रुचि जताते हुए वन धन योजना प्रस्ताव को लेकर आगे बढ़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस योजना को बिहार में लाने से ट्राबल कम्युनिटी की आय 20,000 से 50,000 के बीच बढ़ सकती है जो कि अभी मात्र 2,000 से 3000 के बीच है। बिहार में आठ वन धन विकास केंद्र 120 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स 1630 ट्राबल उद्योगपति प्रस्तावित संभावनाएं हैं। जिसका लाभ हम लोग लाभ उठा सकते हैं।

प्रोफेसर तपन कुमार संडिल्य ने कहा कि प्रधानमंत्री वन धन योजना, आदिवासी उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से आदिवासी आय में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा की गई एक पहल है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आदिवासी समाज के आर्थिक विकास एवं वन धन का समुचित उपयोग करने में जनजातीय समुदाय की क्षमता का उपयोग देश के विकास हेतु करने के उद्देश्य से योजना का संचालन किया गया है। ये भी महवपूर्ण है कि  प्रधानमंत्री द्वारा आंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल 2018 को योजना के तहत पहला वन धन विकास केंद्र की स्थापना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थापित करने की घोषणा की गयी थी।

बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र रहे मौजूद

इस लेक्चर सीरीज में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक गण उपस्थित रहे । जिनमें संतोष कुमार, आई क्यू एस सी, संयोजक , प्रोफेसर उमेश प्रसाद , प्रोफेसर प्रवीण कुमार , श्री बैकुंठ राय , प्रोफेसर सलोनी प्रसाद, प्रोफेसर कृति, प्रोफ़ेसर पद्दमिनी प्रसाद, प्रोफेसर रमेश चंद्र चौधरी , डॉक्टर के ऐन यादव, प्रोफेसर राजीव रंजन और प्रोफ़ेसर बिंदु सिन्हा, समेत कई उपस्थित थे। अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों ने भी लेक्चर सीरीज में बड़ी संख्या में भाग लिया।