कोरोना काल में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं कराने को लेकर कई दलों ने चुनाव आयोग का खटखटाया दरवाजा, विपक्षी दलों ने सौंपा ज्ञापन

बिहार विधानसभा का चुनाव कोरोना काल में नहीं कराने को लेकर कई राजनीतिक पार्टियां एक मंच पर आ गई है. इसको लेकर कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने साझा रूप से चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कई बिंदुओं की चर्चा है.

परंपरायुक्त शैली में चुनाव कराने की मांग

बिहार के विपक्षी दलों के राज्याध्यक्षों, सचिवों का हस्ताक्षरयुक्त संयुक्त ज्ञापन बुधवार को चुनाव आयोग, बिहार को सौंपा गया. ज्ञापन में विपक्षी दलों ने प्रमुख रूप से चुनाव के वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव करवाने, जनता की व्यापक भागीदारी और चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने की मांग की है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, भाकपा-माले के राज्य सचिव, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, हम के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री, रालोसपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा.

विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से वर्चुअल तरीके की बजाए परंपरागत शैली में चुनाव कराने की मांग की. चुनाव आयोग यह बताएं कि जिस राज्य में महज 37 प्रतिशत इंटरनेट सेवा की उपलब्धता है, वहां वर्चुअल तरीके से चुनाव कैसे हो सकता है. जाहिर है कि इसमें बड़ा भाग शहरों का ही है.

  • धन बल के दुरुपयोग पर रोक लगे.
  • चुनाव की पारदर्शिता की रक्षा हो. पोस्टल बैलेट का दायरा बढ़ाने से चुनाव की पारदर्शिता खत्म हो जायेगी. बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की जगह प्राथमिकता के आधार पर अलग से बूथ बनाएं जाएं.
  • मतदान में व्यापक जनता की भागीदारी की गारंटी करें.
  • चुनाव महामारी फैलाने का जरिया न बने.