मोदी कैबिनेट ने कर्मयोगी योजना को दी मंजूरी, जम्मू कश्मीर के लिए राजभाषा बिल भी पास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान कई विषयों पर मंथन किया गया, साथ ही बड़े फैसले लिए गए. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले पर जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अफसरों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी गई है।

अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना

केंद्रीय मंत्री ने कहा, पिछले सप्ताह सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए अलग-अलग टेस्ट की प्रक्रिया को हटाने और इसके लिए एक ही टेस्ट लेने की बात हुई। आज कैबिनेट ने कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी है, जो सरकारी अफसरों के काम को बढ़िया करने के लिए काम करेगी। ये सरकार की ओर से अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने की सबसे बड़ी योजना है।

जम्मू कश्मीर राजभाषा विधेयक 2020 को पेश करने की मंजूरी

जावड़ेकर ने कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में जम्मू कश्मीर राजभाषा विधेयक 2020 को पेश करने की मंजूरी दे दी है, जिसमें 5 भाषाएं उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं होंगी। यह सार्वजनिक मांग के आधार पर किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कर्मयोगी योजना के तहत सिविल सर्विस के लोगों के लिए नई तकनीक और उनकी क्षमता पर ध्यान देने की कोशिश की जाएगी। जिसके लिए व्यक्तिगत स्तर से लेकर संस्थागत स्तर तक विकास करने पर जोर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन एमओयू को मंजूरी दी

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन एमओयू को मंजूरी दी है। इनमें से एक वस्त्र मंत्रालय और जापान के बीच गुणवत्ता मूल्यांकन पद्धति के लिए, दूसरा खनन मंत्रालय और फिनलैंड के बीच और तीसरा ऊर्जा मंत्रालय और डेनमार्क के बीच है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि जम्मू कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित सार्वजनिक मांग को देखते हुए किया गया, बल्कि 5 अगस्त 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए भी इस फैसले को लिया गया।