कोसी महासेतु समेत कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन, नीतीश कुमार ने कहा- लॉकडाउन में लोगों को वापस लाने में रेलवे ने निभायी महत्वपूर्ण भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉनसिंग के माध्यम से रेल मंत्रालय की कोसी रेल में ब्रिज में रेलवे की अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल फागू चौहान के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। आज के कार्यक्रम में 540 करोड़ रुपए के कोसी रेल महासेतु तथा 2180 करोड़ रुपए की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के अंतर्गत विद्युत लोको शेड, बरौनी, नव विद्युतीकृत रेलमार्ग, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर रेलखंड, समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड, शिवनारायणपुर- भागलपुर रेलखंड, सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड, करनौती-बख्तियारपुर लिंक बाईपास और बाढ़ – बख्तियारपुर के बीच नवनिर्मित तीसरी रेल लाइन, नव निर्मित किउल सेतु लखीसराय-किल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, नव निर्मित सुपौल-सरायगढ़-आसनपुर कुपहा-राधोपुर रेलखंड नव निर्मित रेल मार्ग हाजीपुर-वैशाली रेस, नय निर्मित रेलमार्ग इस्लामपुर-नटेसर रेलमार्ग, नवविद्युतीकृत कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी रेलमार्ग तथा विद्युतीकृत रेल मार्ग सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर का उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री ने निर्मित नये रेल मार्गों पर ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

2003 को हुआ था कोसी महासेतु का शिलान्यास

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रधानमंत्री जी को बधाई देता है। 17 सितंबर उनका जन्मदिन था. कल भी हमलोगों ने बधाई दी थी। पूरा सप्ताह आपका जन्मदिन मनाया जा रहा है इसके लिए आपको बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। आज 18 सितंबर से राजगीर में मलमास मेले की शुरुआत हो गई है, जिसमें अवधारणा है कि 33 करोड़ देवी देवता इस दौरान निवास करते हैं। वहां कुंड में स्नान करने की भी मान्यता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी की सरकार में मुझे रेल मंत्री बनने का सौभाग्य मिला। कोसी महासेतु का शिलान्यास श्रद्धेय अटल जी की सरकार में 08 जून 2003 को हुआ था। इसके लिए हमने कोसी महासेतु के दोनों तरफ एप्रोच रोड के लिए स्थल का मुआयना कर लोगों से बातचीत की थी। ईस्ट-वेस्ट एलाइनमेंट भी कोसी बिज के पास ही तय किया गया है। वह दिन इसलिये भी ऐतिहासिक है क्योंकि हमने प्रधानमंत्री से मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी जिसकी घोषणा अद्धेय अटलजी ने उसी दिन की थी। उन्होंने कहा कि 12 अगस्त 2018 के रेल मंत्री के कार्यक्रम भी शामिल हुए थे, जिसमें रेल मंत्री ने इस कार्य को तेजी से पूर्ण करने का अधिकारियों को निर्देश भी दिया था। मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आज आपके द्वारा इस महासेतु का उद्घाटन हुआ है।

गुरही-गोराडीह सेक्शन में चार सुरंगों को बनाया जाना है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज हाजीपुर से वैशाली नई रेल लाईन की भी शुरुआत की जा रही है, जिसे सुगौली तक जोड़ने की योजना है। सुगौली भी ऐतिहासिक जगह है जहां भारत और नेपाल के बीच वार्ता हुई थी। 10 फरवरी 2001 को वैशाली में श्रद्धेय अटल जी ने ही इसका शिलान्यास किया था। इसके एक हिस्से का काम पूर्ण हुआ है जिसका आज उद्घाटन हो रहा है। इसे सुगौली तक भी पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व में रेलवे की कई योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है, ये मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेल लाइन का उद्घाटन हो रहा है। यह भी खुशी की बात है। श्रद्धेय अटल जी की सरकार के दौरान उस समय के ऊर्जा मंत्री कुमार मंगलम ने बिहार में पॉवर प्लांट खोलने के लिए मुझसे जगह के बारे में पूछा था और उसके आधार पर बाद में एन0टी0पी0सी0 की स्थापना की एन0टीoपीoसी0 को कोयले की सपलात तक नई रेल लाइन से में होगी। इसके लिए हजारीबाग कोयला खादान के पास से तय रुट हजारीबाग-कोडरमा-तिलैया-राजगीर-बख्तियारपुर-बाढ से कोयले की भलाई में आसानी होगी। गुरही-गोराडीह सेक्शन में चार सुरंगों को बनाया जाना है इसे जल्द पूरा किया जाए जिससे कोयले की निर्बाच आपूर्ति में सुविधा हो। उन्होंने कहा कि इस्लामपुर-नटेसर रेल लाइन पूर्ण हो जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। पटना से गया जाने का पुराना सड़क मार्ग भी पहले इधर से ही था। अब फतुहा-इस्लामपुर से नटेसर होते हुए गया के लिए नया रेल मार्ग मिल जाएगा।

 

इलको को फिर से चालू कराया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अगस्त 2018 के कार्यक्रम में मैंने रेल मंत्री से आग्रह किया था कि नेउरा-दनियावां-बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा पूरा रेलखंड जो किएल से दानापुर आने का तीसरा रास्ता है और इसमें दूरी 9 किमी कम भी पड़ती है इस लाइन के बन जाने से आवागमन में सुविधा होगी। इसे अटल जी के समय में स्वीकृत किया गया था। इसके बचे हुए काम को पूरा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार में इंडियन रेलवे इस्टीच्यूट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग, जमालपुर, मुंगेर में चलता था। इसमें र्टूडेंट का सेलेक्शन यू0पी0एस0सी0 के माध्यम से होता था। यह इंस्टीट्यूट बंद हो गया है, इलको फिर से चालू करा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमारे बाहर से श्रमिकों को राज्य में वापस लाने में रेलवे ने काफी मदद की है। विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन कराया गया,
जिससे 23 लाख से ज्यादा श्रमिक बाहर से बिहार आए। हमारा निवेदन है कि श्रमिकों के लिए प्रवासी शब्द का प्रयोग न किया जाए ये सभी देश के वासी है। आज के इस विशेष कार्यक्रम के लिए एक बार फिर से मैं सबका अभिनंदन करता हू।