चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरूआत बुधवार से हो रही है. इसके लिए पूरे बिहार में घाटों के लिए गाइडलाइंस जारी किया गया है. इसके साथ ही कोरोना को लेकर इस बार जिला प्रशासन ने घाटों के बजाए अपने घरों में छत करने की सलाह दी है. छठ महापर्व के भैया दूज के दूसरे दिन से आरम्भ हो जाता है. पहले दिन सेन्धा नमक, घी से बना हुआ अरवा चावल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ली जाती है. अगले दिन से उपवास आरम्भ होता है. व्रति दिनभर अन्न-जल त्याग कर. रात्रि में खीर बनाकर, पूजा करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिसे खरना कहते हैं.
पवित्रता का विशेष ध्यान
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. उसके अगले दिन सुबह में भगवान भाष्कर को अर्ध्य दिया जाता है. पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है; लहसून, प्याज वर्जित होता है. जिन घरों में यह पूजा होती है, वहां भक्तिगीत गाये जाते हैं. अंत में लोगों को पूजा का प्रसाद दिया जाता हैं
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