पटना के एसके पुरी पार्क में गौरैया उत्सव के तहत फोटो प्रदर्शनी, बोले संजय कुमार-गौरैया संरक्षण को अपने जीवन में करें शामिल

पटना के एस के पुरी पार्क में कलमगार द्वारा आयोजित ‘गौरैया उत्सव’ में वक्ताओं ने कहा कि इंसानों के घरों में कभी अपना बसेरा बनाने वाली ‘गौरैया’ आज विलुप्ति के कगार पर है। कहीं यह दिखती हैं तो कहीं विलुप्त हो चुकी है। विश्वभर में घर-आंगन में चहकने-फूदकने वाली गौरैया की आबादी में 60 से 80 फीसदी तक की कमी आई है। इसे वापस बुलाने की पहल के लिए लोगों को जागरूक और हर व्यक्ति को अपने जीवन में संरक्षण की पहल को शामिल करना होगा ।

गौरैया को दूर करने में प्रदूषण की भूमिका अहम

यादों में गौरैया की चर्चा करते हुये, भू वैज्ञानिक और पर्यावरणविद डॉक्टर मेहता नगेन्द्र सिंह ने कहा कि गौरैया को बचाना है तो पर्यावरण को बचाना होगा। हमारी यादों से गौरैया को दूर करने में प्रदूषण की भूमिका अहम है इसलिए उसे वापस बुलाने के लिए पेड़ पौधे लगाने होंगे ताकि पर्यावरण स्वास्थ्य हो और जीवन बरकरार रहे ।

पिछले 25 साल से गौरैया की संख्या भारत में स्थिर

लंबे समय से गौरैया संरक्षण से जुड़े और पीआईबी पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने ‘बातें गौरैया की’ में अपने अनुभव को साझा करते हुये संरक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि विश्व भर में भले ही गौरैया विलुप्ति के कगार पर खड़ी हो लेकिन भारत में इसकी संख्या चिंताजनक यानी रेड जोन में नहीं है। भारत में गौरैया की संख्या को लेकर अच्छी ख़बर आ रही है। स्टेट ऑफ इंडियनस बर्ड्स 2020, रेंज, ट्रेंड्स और कंजर्वेशन स्टेट्स के मुताबिक पिछले 25 साल से गौरैया की संख्या भारत में स्थिर बनी हुई है। हालांकि देश के छह मेट्रो बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में इनकी संख्या में कमी देखी गई है लेकिन बाकी के शहरों में इसकी संख्या स्थिर देखी जा रही है। कह सकते हैं कि विलुप्त नहीं है। उन्होने गौरैया को वापस बुलाने के लिए दाना –पानी नियमित रखने बॉक्स लगाने की अपील लोगों से की।

सभी छोटे बड़े जीव इकोसिस्टम के लिए जरूरी

वहीं, जेडेआई पटना के संयुक्त निदेशक डॉक्टर गोपाल शर्मा ने पशु-पक्षियों की चर्चा करते हुये कह कि सभी छोटे बड़े जीव इकोसिस्टम के लिए जरूरी है। गौरैया भी इसका हिस्सा है ऐसे में इसे बचाने की जरूरत है, क्योकि गौरैया की संख्या कम होती जा रही है ।

गौरैया उत्सव को संबोधित करते हुये वेटनरी कॉलेज, पटना के विभागाध्यक्ष डॉक्टर पंकज ने पशु आपदा प्रबंधन की चर्चा की और पक्षियों की देखभाल तथा उपचार की बारीकियों बताई। उन्होने कहा कि गौरैया हमारे परिवेश में रहती है कई कारणो से विलुप्त हो रही है जरूरत है इस पर ध्यान देने की।

पर्यावरण कि रक्षा के लिए वेटलैंड की सुरक्षा जरूरी

यू एन डी पी के अधिकारी कुमार दीपक ने पर्यावरण और हम विषय पर चर्चा की और कहा कि पर्यावरण कि रक्षा के लिए वेटलैंड की सुरक्षा जरूरी है। उन्होने कहा कि वेटलैंड में हजारों पक्षी देश-विदेश से आते हैं। जब वेटलैंड सुरक्षित होगा तो पक्षियों को खुद ब खुद संरक्षण मिलने लगेगा।

मौके पर कलमगार के संस्थापक सुमन सौरभ ने अपनी बातों को रचनात्मक अंदाज़ में रखते हुए बच्चों को गौरैया से जुड़ी कई कहानियां सुनाई । उन्होंने कहा कि एडवांस न्यूरो हॉस्पिटल हमारे प्रयासों में सहयोगी रहता है ।

गौरैया उत्सव के दौरान संजय कुमार द्वारा खींची गौरैया के विभिन्न आयामों को लेकर खींची गयी चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गयी साथ ही बच्चों ने मौके पर गौरैया विषय पर पेंटिंग कंपीटिशन में भाग लिया । सभी बच्चों को प्रमाण पत्र , वाटर पॉट , व पौधे देकर पुरस्कृत किया गया। इसके आलवे कई और कार्यक्रम आयोजित किए गये ।

गौरैया उत्सव के दौरान टीम कलमगार से, सुमन सौरभ, शिवेंद्र शिवम ,आनंद , देवेंद्र सिंह , निशि, उत्कर्ष, नमन मिश्रा, इंदु कुमारी आदि मौजूद थी।