केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बैठक हुई। निजी क्षेत्र के 94 साल पुराना लक्ष्मी विलास बैंक का अब सिंगापुर के डीबीएस इंडिया के साथ विलय होना तय हो गया है। सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बैंक के इस विलय योजना को मंजूरी दे दी है. इस विलय के साथ ही डिपॉजिटर्स पर अपने खातों से पैसों की निकासी पर आरबीआई की ओर से लगाया गया प्रतिबंध भी हटा दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस बाबत जानकारी दी है।
4000 कर्मचारियों की नौकरी भी बरकरार
जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक के डेवलपमेंट बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। साथ ही एटीसी में एफडीआई को भी मंजूरी दी गई। इससे 20.5 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी। साथ ही 4000 कर्मचारियों की नौकरी भी बरकरार रहेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने आरबीआई को कहा है कि कुप्रबंधन करके जो बैंक को डूबने के कगार पर लाते हैं, ऐसे दोषियों को सजा होना चाहिए।
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