कर्मचारियों को निकाल विश्वविद्यालय में लगा दिया ताला, कॉलेज प्रशासन से नाराज विद्यार्थी बैठे धरना पर….

अनुदान की मांग को लेकर संबद्ध कालेज संघ के प्रतिनिधियों ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के प्रशासनिक भवन में अनिश्चितकालीन तालाबंदी कर दी और धरने पर बैठ गए।

कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, पर वे अपनी मांग पर अड़े रहे ।

इससे पूर्व, प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सिंडिकेट सदस्य सह एमएलसी डा. संजीव कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे।

कब क्या हुआ

सुबह कार्यालय खुलने के बाद संबद्ध कालेजों के प्राचार्य समेत अन्य शिक्षक नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन में दाखिल हो गए। इस दौरान मूल्यांकन करने वाले शिक्षक भी बकाया भुगतान की मांग कर रहे थे। इसके बाद उन लोगों ने बारी-बारी से सभी कार्यालयों को बंद कराकर कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। फिर मुख्य द्वार पर ताला जड़ धरने पर बैठ गए। संघ के आनंद कुमार मिश्रा ने कहा कि यह आंदोलन जारी रहेगा।

संघ के डा. प्रदीप कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंर्तगत शैक्षणिक सत्र 2011-14 और 2012 15 के अनुदान की राशि जारी कर दी गई है। करीब तीन माह पूर्व यह राशि विश्वविद्यालय को मिल चुकी है। अनुदान की राशि जारी करने के लिए कालेजों की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बावजूद अब तक इससे संबंधित फाइल टेबलों पर घूम रही है। अधिकारियों से कई बार मिला पर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। डा. सिंह ने कहा कि जब तक उन लोगों की मांग पूरी नहीं होती है, तब तक वे लोग तालाबंदी और • आंदोलन जारी रखेंगे।

इस मामले से कुलपति को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने फाइल मंगाई है। निर्देश के बाद आगे की प्रक्रिया होगी। – डा. निरंजन प्रसाद यादव, कुलसचिव टीएमबीयू

यात्रा भत्ता के नाम पर हो रहे खर्च की जांच हो

टीएमबीयू में धरना स्थल पर पहुंचे सिंडिकेट सदस्य सह एमएलसी डा. संजीव कुमार सिंह ने भी शिक्षकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कई माह पूर्व अनुदान की राशि आ जाने के बाद भी नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वविद्यालय में अधिकारियों के यात्रा भत्ता पर हो खर्च की जांच होनी चाहिए। एक ही फाइल के लिए अधिकारी पटना और मुजफ्फरपुर जाते हैं। बावजूद काम नहीं होता। उन्होंने कहा कि स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द हो । टीएमबीयू में अतिथि शिक्षकों के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की जाए। डा. सिंह ने इसे लेकर कुलपति और प्रतिकुलपति से बात की। दोनों अधिकारियों ने उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया है।