
कोविड-19 से निपटने के लिए पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जिसके अंतर्गत कोविड प्रबंधन में काम करने वाले स्टूडेंट्स या पेशेवरों को 100 दिनों का अनुभव होने के बाद भविष्य में सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। साथही 100 दिन के अनुभव के बाद ऐसे सभी चिकित्साकर्मियों को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने संबंधी अहम फैसलों को आज अंतिम रूप दिया। एनईईटी-स्नातकोत्तर की परीक्षा को अगले चार महीने तक स्थगित करने के साथ ही चिकित्सा प्रशिक्षुओं को महामारी प्रबंधन कार्यों के लिए तैनात करने का फैसला लिया गया।
NEET-PG परीक्षा को कम से कम 4 महीने के लिए टाली गई
कोविड-19 के दूसरी लहर के मौजूदा हालत को ध्यान में रखते हुए नीट (पीजी) परीक्षा-2021 को टाल दिया गया है। बताया गया है कि यह परीक्षा 31 अगस्त 2021 के बाद होगी। सरकार ने कहा है नई तारीख के ऐलान एवं परीक्षा की तारीख में कम से कम 1 महीने का अंतर होगा।
साथही सरकार संभावित नीट अभ्यर्थियों को बढ़ते कोरोना संक्रमण के हालत के अंतर्गत इन एमबीबीएस डाक्टरों की सेवाओं का उपयोग कोविड-19 के प्रबंधन में कर सकती है। अब इंटर्नशिप रोटेशन के हिस्से के रूप में मेडिकल इंटर्न को उनके संकाय की देख-रेख में कोविड प्रबंधन ड्यूटी में भी लगाया जा सकता हैं। हालांकि एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों का कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीजों की निगरानी और टेली-मेडिसीन में उपयोग किया जा सकता है।
अंतिम वर्ष के पीजी की सेवाओं को जारी रखना: रेजिडेंट के रूप में अंतिम वर्ष के पीजी छात्रों की सेवाओं का उपयोग आगे भी तब तक किया जा सकता है जब तक कि पीजी छात्रों के नए बैच शामिल नहीं हो जाएंगे। इसी तरह नई भर्तियां होने तक वरिष्ठ रेजिडेंटों/रजिस्ट्रारों की सेवाओं का उपयोग जारी रखा जा सकता है।
बयान में कहा गया कि इससे कोविड-19 मरीजों के इलाज में जुटे मौजूदा चिकित्सकों का बोझ कम होगा। यही नहीं, बीएससी नर्सिंग या जीएनएम पास नर्सों को वरिष्ठ चिकित्सकों और नर्सों की निगरानी में कोविड-19 मरीजों की सेवा में पूर्णकालिक उपयोग किया जा सकता है।
मेडिकल स्टूडेंट्स का टीकाकरण, बीमा का लाभ भी
चिकित्सा छात्रों और पेशेवरों को कोविड संबंधी कामकाज में तैनात करने से पहले उनका टीकाकरण किया जाएगा। साथ ही उन्हें चिकित्साकर्मियों के लिए मिलने वाले सरकारी बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
बयान में कहा गया कि ऐसे सभी प्रोफेशनल, जो कोविड ड्यूटी के न्यूनतम 100 दिनों के लिए हामी भरते हैं और इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, उन्हें भारत सरकार की ओर से ‘प्रधानमंत्री का प्रतिष्ठित कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान’ भी दिया जाएगा।
हालांकि बयान में यह भी बताया गया है कि राज्य सरकारें इस प्रक्रिया के जरिए जोड़े जाने वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रोफेशनलों का उपयोग निजी कोविड अस्पतालों के साथ-साथ काफी ज्यादा कोविड संक्रमण वाले क्षेत्रों में भी कर सकती हैं।
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