2021 में दक्षिण अफ्रीका के साथ मजबूत हुए भारत के रिश्ते …….

दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच 2021 में राजनीतिक-व्यापारिक संबंध की बात करें. तो हम पाएंगे की इन दोनों देशो के बीच के रिश्ते मजबूत हुए हैं. साथ ही कोरोना वायरस संकट में दोनों देशों ने इस जानलेवा महामारी से लड़ने में एक दूसरे को सहयोग बढ़ाने का मौका दिया है. दुनिया के बाकी ज्यादातर देशों की तरह दक्षिण अफ्रीका की 2021 की शुरुआत और समापन कोविड-19 की गंभीर चुनौतियों का सामना करते हुए हुआ और लगातार तीसरे साल 2022 में भी महामारी का संकट बने रहने की आशंका है.

जनवरी में दक्षिण अफ्रीका कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में था और साल खत्म होते-होते नवंबर में एक नए और अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद देश चौथी लहर की चपेट में है. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा  से टेलीफोन पर बातचीत की थी और कोविड-19 महामारी से पैदा हो रही चुनौतियों पर चर्चा की थी. दोनों नेताओं ने वैक्सीन और दवाओं तक पहुंच बनाने और किफायती दरों पर उन्हें उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की थी.

दोनों नेताओं के बीच बातचीत से एक सप्ताह पहले भारत में निर्मित वैक्सीन एक विमान से दक्षिण अफ्रीका पहुंची थीं. संक्रमण की मौजूदा लहर ने राष्ट्रपति रामाफोसा को भी नहीं बख्शा, जिसके कारण उन्हें अपना कामकाज उपराष्ट्रपति डेविड माबुजा को सौंपना पड़ा. बीमार पड़ने से कुछ दिनों पहले रामाफोसा ने ब्रिक्स के वैज्ञानिकों से महामारी का समाधान निकालने के लिए एक साथ मिलकर काम करने को कहा था. तेजी से बदल रहे यात्रा प्रतिबंधों के बीच रामाफोसा ने फरवरी में देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि भारत उन देशों में से एक है जिनसे दक्षिण अफ्रीका महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के मद्देनजर स्किल्स का आयात करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की उम्मीद करता है.