भारत में NIV पुणे ने विकसित की एंटीबॉडी जांच किट ‘कोविड कवच’ कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने में यह अहम भूमिका ..

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को जानकारी दी है कि भारत ने कोरोना से जंग में एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने एक पाली में एक साथ 90 सैंपल की जांच के लिए भारत ने अपनी स्वदेशी किट ‘कोविड कवच’ विकसित की है। कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने में यह अहम भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट है। इस ‘कोविड कवच’ किट से एक पाली में 90 नमूनों की जांच की जा सकती है जिससे अधिक से अधिक कोरोना पॉजिटिव का पता लगाने में जांच दल को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ यह परीक्षण सार्स सीओवी-2 संक्रमण के संपर्क में आने वाली आबादी के अनुपात की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगा.’ हर्षवर्धन ने कहा कि मुंबई में दो स्थानों पर इस किट की अनुमति दी गई थी और इसके परिणाम काफी सटीक हैं।

सार्स-सीओवी-2 रोधी एंटीबॉडी का पता लगाने में मिलेगी साहयता

हर्षवर्धन ने कहा कि इस किट को एक महीने से भी कम समय में तैयार करने में सफलता मिली है। इस जांच किट की मदद से शरीर में सार्स-सीओवी-2 रोधी एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह किफायती और त्वरित नतीजे देने वाली है। साथ ही इसके जरिए अस्पताल और चिकित्सा केंद्रों आदि में बड़ी संख्या में आसानी से नमूनों की जांच करना संभव है।

जायडस करेगी इसका उत्पादन

उन्होंने बताया कि दवा कंपनी जायडस को इसकी तकनीक का हस्तांतरण किया गया है और दवा नियामक ने कंपनी को बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की अनुमति दी है। इस जांच तकनीक के जरिए ऐसे लोगों के खून में एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है, जिनमें पहले कोरोना वायरस संक्त्रमण हो चुका होगा।