कब तक सताई जाएंगी बेटियां??

तमिलनाडु पुलिस ने नाबालिक के यौन उत्पीडन मामले की जांच को लेकर चार विशेष टीमों का गठन किया है। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने लोगो से पूछताछ जारी कर दी है।

तमिलनाडु की रहने वाली एक नाबालिक के सुसाइड नोट में यौन उत्पीडन का आरोप सामने आया है।चेन्नई के एक स्कूल की 11वीं क्लास की छात्रा ने पिछले हफ्ते मंगडू स्थित अपने घर में फांसी का फंदा लगा खुदकुशी कर ली थी। शनिवार को पुलिस के जांच के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में सामने आई बातों ने सबका दिल दहला कर रख दिया।नाबालिक का सुसाइड नोट सोशल मीडिया पे खूब तेजी से वायरल हो रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस जांच में जुटी हुई है।

पुलिस ने कहा की छात्रा के सुसाइड नोट में लिखा गया है कि यौन उत्पीडन बंद करो, और उसने एक पीड़िता के मानसिक स्थिति का भी जिक्र किया है।छात्रा ने समाज के सभी माता पिता से ये गुजारिश भी की है कि वे अपने लडको को लड़कियों की इज्जत करना सिखाए।पीड़िता ने लिखा था कि मां की कोंख या श्मशान ही एकमात्र सुरक्षित जगह है।

आपको बताते चले कि यह घटना उसी भारत कि है जहां समाज में देवियों की पूजा होती है। फिर देवी के रूप लड़कियों के साथ ऐसी हैवानियत क्यों? आखिर कब तक समाज की बेटियां ऐसे ही फांसी के फंदों पे झूलती नजर आएंगी? समाज में लड़कियां कब महफूज हो पाएंगी? ये सारे प्रश्न आप खुद से पूछिए और अगर आप भी गलत हैं तो खुद में परिवर्तन लाइए। लक्ष्मी की रूप है बेटियां कोई कचरा या बोझ नहीं।।