खबर का असर – नीतीश सरकार का बड़ा फैसला – कोरोना की जंग में बेहतर सवास्थ सेवाओं के लिए चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का दिया निर्देष

हमारे न्यूज़ पोर्टल shiftindia.com पर 16 अप्रैल 2021 को देश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के हालात भयावह: क्या चरमराती स्वास्थ व्यवस्था और डॉक्टरों की शहादत से कोरोना की जंग जीती जा सकती है!

से एक खबर चलायी गयी थी जिसमे बताया गया था कि  2019 में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि डॉक्टरों के 57% पद खाली हैं। नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के भी 75% पद रिक्त है। पिछले साल 16 मई 2020 को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पटना उच्च न्यायालय को बताया था कि राज्य में डॉक्टरों के कुल 11 हजार 645 स्वीकृत पदों में से 8 हजार 768 पद खाली पड़े हैं। इन 8 हजार 768 खाली पड़े पदों में से 5 हजार 600 पद ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। पिछले दो साल में पेश किए गए इस आंकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा क्यों है? कोरोना से ज्यादा मैन पावर की बीमारी से स्वास्थ्य महकमा जूझ रहा है। इस खबर का असर शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देष में देखने को मिला।

नीतीश कुमार ने ट्विट कर कहा कि कोरोना से उत्पन्न विकट समय में स्वास्थ्यकर्मी जिस प्रतिबद्धता के साथ सेवा देकर लोगों की जान बचा रहे हैं, उसके लिए वे अभिवादन के पात्र हैं। यह जरूरी है कि हम सब विपरीत परिस्थितियों में धैर्य बनाये रखें और डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वह सम्मान प्रदान करें, जिसके वे हकदार हैं।

साथही उन्होंने शनिवार को चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देष दिया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देष दिया कि वाक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया के माध्यम से हर जिले में आवष्यकतानुसार चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों पर अस्थायी नियुक्ति भी की जाय।

बतादें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी, जिसमें निर्णय लिया गया कि चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जायेगी।

बतादें कि बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार के अलावा स्वास्थ्य विभाग-सह-आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, बिहार तकनीकी सेवा आयोग के अध्यक्ष अजय कुमार चैधरी एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेषक मनोज कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।