चिराग ने नीतीश की बीमारी का खोल दिया राज, हार के डर से पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश, कांग्रेस विधायक बोलीं- नीतीश सभी को स्वीकार नहीं

पांच राज्यों में तेलंगाना में जीत ने कांग्रेस की इज्जत बचा लिया…तीन राज्यों में बीजेपी की प्रचंड बहुमत के बाद कांग्रेस ने 6 दिसंबर को दिल्ली में इंडी गठबंधन की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में विपक्षी दलों को एकजुट करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं शामिल हो रहे हैं। जदयू सूत्रों ने सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य का हवाला दिया था। लेकिन, मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक में पहुंचे तो तस्वीर साफ हो गई वह अभी स्वस्थ्य हैं। इंडी गठबंधन में शामिल होने के पीछे केवल उनका खराब स्वास्थ्य ही कारण नहीं हो सकता है। अब इस मामले को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है।

नीतीश के बैठक में शामिल नहीं होने का बताया कारण

लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली नहीं जाने का कारण बता दिया। तो वहीं कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी ने इशारों में ही नीतीश कुमार सभी को स्वीकार नहीं। चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जैसे बिहार में मुख्यमंत्री जी और उनकी नीतियां फ्लॉप साबित हुई है पुनः एक बार विपक्ष को एकजुट करने की नीति भी विफल हो गई। नीतीश कुमार का नेतृत्व विपक्ष के किसी भी नेताओं को स्वीकार्य नहीं था। इसीलिए तास के पत्ते की तरह लोकसभा चुनाव से पूर्व ही बिखर गया। तीन राज्यों में करारी हार से स्पष्ट पता चल गया कि नीतीश कुमार जी की अगुवाई वाला महागठबंधन प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के सामने ढेर हो गया। 6 दिसंबर को होने वाली विपक्ष की बैठक में नीतीश कुमार जी का शामिल न होना साफ जाहिर करता है कि मुख्यमंत्री जी हार से डर गए हैं और हमेशा की तरह पिछले दरवाजे से भागने के प्रयास में है। नीतीश कुमार जी ये तो अभी शुरुआत ही है,आने वाले दिनों में देखते जाइए क्या होता है।

नीतीश कुमार की भी छवि राष्ट्रीय स्तर की

मल्लिकार्जुन खरगे के बुलाने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार के नहीं जाने के सवाल पर प्रतिमा कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडी गठबंधन की कमान सौंपने को लेकर सभी दल के वरीय नेताओं के एक राय नहीं है। यह फैसला पार्टी के बड़े नेता करेंगे। प्रतिमा कुमार ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की भी छवि राष्ट्रीय स्तर की है। एक हार से कांग्रेस की नीतियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते। कांग्रेस ने अपनी नीतियों के कारण ही इतने लम्बे समय तक जनता की सेवा की।