सीता माता की जन्मस्थली है बिहार

रामायण महाकाब्य का मुख्य चरित्र ” सीता माता” का जन्म यहीं हुआ, ऐसी मान्यता है। सीतामढ़ी शहर नेपाल की सीमा पर स्थित है। सीतामढ़ी जिला पहले मुजफ्फरपुर का १९७२ तक अंश था। सीतामढ़ी जिला का मुख्यालय डुमरा में है।

सीतामढ़ी हिन्दू धर्म के लिए एक बेहद पवित्र स्थल और उसिका इतिहास “त्रेता जुग ” तक लंबी रहा है। कहा जाता है कि बारिश ना होने की बजह से भगबान इंद्रा को आकर्षित करने के लिए जब राजा जनक खेत पर खुद खेती का काम करते थे जमीन के नीचे से सीता प्रकट हुए थे। राजा जनक उसी जगह पर एक पूस्करणी खुदबाए और सीता के शादी के बाद इसी जगह पर राम , लक्ष्म और सीता का प्रतिमूर्ति रख कर एका मंदिर बनबाए जिनहे जानकी – मंदिर कहा जाता है। कुंड जानकी- कुंड नाम परिचित है।

समाया बीतने पर यहाँ जगह जंगल में परिणत हुआ और करीब ५०० साल बाद बीरबल दस नाम का एक सख्त ने इस्वरिक निर्देश से एह जगह देखा। उसी ने जंगाल को साफ करने के बाद एक राजा जनक का बनाया हुआ मूर्ति रखकर एका मंदिर बनबाया। मदिर करीब १०० साल पुराना है।

सीतामढ़ी एक सुंदर जगह है। यह राजधानी पटना शहर से करीब ‍‍१४० किलोमीटर दूर है और सीतामढ़ी सहर पुराण और इतिहास से जुड़ा हुआ है।