बिहार में बड़ी संख्या में कैदी को रिहा करने की तैयारी, जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ठोस कदम

बिहार में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आलोक में बड़ी संख्या में कैदी को रिहा करने की तैयारी चल रही है। दरअसल, राज्य की जेलों से भीड़-भाड़ कम करने के लिए बीते दिनों कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था जिसके बाद राज्य सरकार ने कैदियों को रिहा करने के लिए कार्यसूची तैयार कर ली है।

जानकारी के अनुसार, जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ठोस कदम उठाये गए हैं। इस आदेश के आलोक में बिहार में जेलों से कैदियों को पेरोल/ रेमिसन पर रिहा करने हेतु कार्यसूची बना कर कार्रवाई कर ली गई है। अदालत के फैसले के तहत प्रशासन ने कुछ इस तरह से अहम कदम उठाए हैं-

• जेलों में ई-मुलाकाती सुविधा उपलब्ध की जाएगी.

ई-मुलाकाती सुविधा के तहत राज्य की जेलों में बंद अंडर ट्रायल (अभियोगाधीन) कैदियों कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कोर्ट नहीं जाना होगा.

• इस सुविधा के तहत विडियो कांफ्रेसिंग द्वारा कोर्ट में कैदियों की उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी. कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष स्वस्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी.

• जेलों में कैदियों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने और कोरोना से बचाने के लिए एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार कर ली गई है. इसके तहत बीमार कैदियों का इलाज सुलभ तरीके से हो सकेगा.

• कैदियों की सजामाफी के लिए भी कमिटी द्वारा विशेष प्रावधान बनाए गए हैं.

• कोरोना संक्रमण से कैदियों के बचाव हेतु तैयार एसओपी :-

• कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सभी जेल अधीक्षक सभी कैदियों को एन -95 मास्क मुहैय्या कराएँगे.

• किसी कैदी में कोरोना के लक्षण दिखने लगे तो उसे क्वारंटाइन कर इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर भेजा जायेगा.

• कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कैदियों को काढ़ा, स्टीम, इम्युनिटी बढाने की दवा भी दी जायगी.

• जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने के लिए कैदियों को ज्यादा भीड़ – भाड़ वाले कारागार से कम संख्या वाले कारागर में स्थानांतरित कर किया जायेगा.

• जेलों एवं चाइल्ड केयर संस्थान में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सैनिटाइजर और मास्क देने की व्यवस्था की गई है.

• रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की जेलों में बंद 93% कैदियों को वैक्सीन दिया जा चुका है.