बिहार के नवादा जिले से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां अभ्रक की एक अवैध खान धंसने से 5 मजदूर उसमें दब गए हैं। इनमें से एक महिला मजदूर की मौत हो गई, जबकि एक अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। ये सभी लोग अवैध खान से अभ्रक निकालने में जुटे थे, जब खदान में बनी चाल अचानक से धंस गई और सभी लोग उसी में फंस गए। दबे हुए लोगों को किसी तरह से खदान से बहार निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 1 महिला मजदूर की मौत हो गई। चार घायलों में से एक की हालत नाजुक बनी हुई है। बता दें कि नवादा जिले में बड़ी संख्या में लोग अवैध खान से अभ्रक निकालते हैं। खनन के लिए खतरनाक करार देते हुए इन खदानों को राज्य सरकार के द्वारा बंद किया जा चुका है। इसके बावजूद भी लोग इन खदानों से अभ्रक निकालने में जुटे रहते हैं।
जानकारी के अनुसार, अभ्रक खदान में चाल के ढह जाने से 1 महिला मजदूर की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य मजदूर खदान में फंस गए। यह हादसा रजौली थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित हरदिया पंचायत के भानेखाप अभ्रक खदान में हुआ है। मृतक महिला मजदूर की पहचान थाना क्षेत्र के सूअरलेटी निवासी हीरा भुईयां की 18 वर्षीय पुत्री चिंता देवी के रूप में हुई है। इनके अलावा 4 अन्य मजदूर अभ्रक खदान में फंस गए। स्थानीय निवासी और अवैध अभ्रक की खदान में खनन कराने वाले लोग फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटे हैं। हादसे की जानकारी रजौली पुलिस को दे दी गई है। दुर्गम इलाका होने की वजह से पुलिस अभी तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकी है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर मजदूरों के खदान में फंसने और मौत की पुष्टि नहीं की गई है।
1 अन्य मजदूर की हालत गंभीर
बताया जा रहा है कि अभ्रक की अवैध खान में फंसे 2 अन्य मजदूरों को निकाल लिया गया है। इनकी पहचान चरका भुईयां और अनिल भुईयां के रूप में हुई है। इनमें से चरका भुईयां की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शव को लेकर अभ्रक खनन माफिया दूसरे जिले चले गए हैं। बताते चलें कि रजौली थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाके में कई सालों से अवैध अभ्रक का खनन लगातार जारी है। खनन माफिया की पैठ इतनी मजबूत है कि तमाम तरह की कार्रवाई के बावजूद वे अवैध खानों से अभ्रक का खनन करते हैं।
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