मुख्तार अंसारी पर फैसला लेना अफसरों को पड़ा महंगा, योगी सरकार ने दो IAS अफसरों को हटाया

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई करते नजर आ रही है। सांसद अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी और कैरियर मेडिकल कालेज व डेंटल कालेज के मालिकों को फायदा पहुंचने की बात को लेकर सरकार ने यूपी राजस्व परिषद के दो सदस्यों आईएएस गुरुदीप सिंह और राजीव शर्मा को हटा दिया है। इन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है। इन अफसरों पर विवादित फैसले लेने के आरोप हैं।

कौन हैं हटाये गये अफसर

यूपी में गुरुदीप सिंह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व राजस्व परिषद में सदस्य थे। राजीव शर्मा अभी कुछ समय पहले विशेष सचिव नगर विकास से राजस्व परिषद भेजे गए थे। राजस्व परिषद के सदस्य के पास न्यायिक अधिकार होता है और वो जमीन से जुड़े मामले की सुनवाई करते हैं। कुछ विवादित फैसलों की वजह से यूपी सरकार व जिला प्रशासन की काफी किरकरी हुई। मामले की जानकारी के बाद मंगलवार को इन दोनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से हटाकर यूपी सरकार ने प्रतिक्षारत कर दिया। आईएएस व परिषद सदस्य गुरुदीप सिंह ने लखनऊ के तहसीलदार सदर न्यायिक और अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सीतापुर के उस आदेश को ही निरस्त कर दिया था, जिसमें कैरियर मेडिकल व डेंटल कालेज के सरकारी जमीन पर बने होने की रिपोर्ट दी गई थी।

इन अफसरों ने क्या किया था ?

वहीं आईएएस राजीव शर्मा ने एसडीएम सदर के 14 अगस्त के उस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसमें जियामऊ के गाटा संख्या-93 की जमीन को निष्क्रान्त घोषित किया गया था। निष्क्रान्त घोषित होने से यह जमीन सरकारी हो गई थी। इसी जमीन पर बाहुबली मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों और सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी का बंगला बना है। हालांकि इसमें से मुख्तार के बेटों के दोनों बंगले एलडीए गिरा चुका है। अफजाल अंसारी की पत्नी का बंगला अभी नहीं गिरा है। शासन ने मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी से भी विचार-विमर्श किया था। इसके बाद दोनों अफसरों को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है।