ऑक्सीजन की कमी का हाल बयाँ कर केवल परिजन ही नहीं, अब तो डॉक्टर भी लगे रोने, दम तोड़ रहे मरीजों का बताया हाल

दिल्ली के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 25 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। देश के साथ बिहार में भी कोरोना वायरस ताण्डव जारी है। हर पल स्थिति भयावह हो रही है। आज पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (NMCH) में एक दिन में रिकार्ड 21 मरीजों की कोरोना से मौत हो जाती है। इसके साथ ही अन्य अस्पताल में भी मरीज दम तोड़ रहे हैं। मरीजों को बचाने के लिए ऑक्सीजन की कमी बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। हॉस्पिटल बेबस होकर अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो चुकी है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसके बाद भी हालात सुधारते हुए नहीं दिख रहे हैं।

डॉक्टर्स भी मरीजों को तड़प-तड़प कर मरते हुए देखने को मजबूर हैं। वह भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही देश के कई हॉस्पिटल के साथ हो रहा है

बिहार की राजधानी पटना के रुबन हॉस्पिटल, जहाँ हॉस्पिटल के पास खुद का ऑक्सीजन प्लांट भी है, किसी करीबी ने जब उनसे मदद मांगी, इसपर वहां के एमडी डॉ सत्यजीत ने अपना दुःख ज़ाहिर करते हुए कहते हैं

हमारे पास 186 रोगियों के साथ कोई भी बिस्तर नहीं है। हमने 41 वेंटिलेटर और अन्य उच्च ऑक्सीजन खपत वाले उपकरणों पर ऑक्सीजन के पर्याप्त दबाव को बनाए रखने के लिए प्रवेश बंद कर दिया है। अब हम मजबूर हैं।

देश की राजधानी दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल, बत्रा हॉस्पिटल में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। आखिर कर ऑक्सीजन की कमी को लेकर बत्रा हॉस्पिटल के एमडी डॉ. एस सी एल गुप्ता ने चुप्पी तोड़ी दी। वह मरीजों के दम तोड़ने और बिगड़े हालात बताते बताते भावुक हो गए। उनकी आँखों से आंसू आने लगे।

डॉ. एससीएल गुप्ता बताते हैं कि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है। सप्लाई नहीं आ रही है। अब हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि अपने मरीजों को वहाँ लेकर जाएं जहां ऑक्सीजन उपलब्ध हो। हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है। किसी की माँ, किसी की बहन, किसी के पिता और भाई की मौत हो रही है। कोई न कोई अपने करीबियों को खो रहा है. ऐसा होता है तो हमें बहुत बुरा महसूस होता है। ये बताते बताते डॉ. एससीएल गुप्ता भावुक हो जाते हैं।

बता दें कि दिल्ली में हालात बेहद बुरे हैं। कोरोना वायरस दिल्ली में बुरी तरह से फ़ैल चुका है। यहाँ ऑक्सीजन की कमी से भी मरीजों की मौतें हो रही हैं। गौरतलब है कि नागपुर में इस परिस्थिति को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी डर जताया था। उन्होंने ने महामारी से निपटने के लिए दीर्घकालिक प्रबंधों की आवश्यकता पर जोरे देते हुए कहा, ‘स्थिति अत्यंत गंभीर है और कोई नहीं जानता कि यह कब तक रहेगी।’ इसकी कोई गारंटी नहीं है। घर के घर कोविड ग्रस्त हैं और आने वाले 15 दिन या 1 महीने में क्या होगा यह कहना मुश्किल है।