टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. एडवोकेट उमेश शर्मा ने बताया कि उसे दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. 10 और मामलों में 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
सजा के ऐलान से पहले कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी थी. जम्मू-कश्मीर में यासीन मलिक के घर की भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गयी थी. कोर्ट का फैसला आने से पहले ही श्रीनगर में यासीन मलिक के समर्थकों ने पत्थरबाजी की. यासीन मलिक के समर्थन में नारेबाजी भी की. सुरक्षाकर्मियों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
इससे पहले, एनआईए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. एनआईए (NIA) की ओर से यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग की गयी थी. इससे पहले यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. यासीन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ देशद्रोह के मामले भी दर्ज हैं. कश्मीरी अलगाववादी नेता मलिक ने कई बार पाकिस्तान का दौरा किया और भारतीय सेना के कई अधिकारियों और जवानों की हत्या का आरोपी है.
यासीन पर क्या हैं मामले: गौरतलब है कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर का अलगाववादी नेता है. आतंकी वित्त पोषण के मामले में उसे दोषी करार दिया गया है. जिसपर आज कोर्ट फैसला सुनाएगा. गौरतलब है कि 10 मई की सुनवाई में मलिक ने अदालत में कहा था कि वह अपने खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता. उसने अपना जुर्म भी कबूल लिया था. वहीं, सजा के ऐलान को लेकर कोर्ट के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
यासीन मलिक पर आरोप: कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप लगा है. उसपर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने का आरोप लगा है. इसके अलावा यासीन मलिक पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, देशद्रोह समेत हिंसा के कई मामले में आरोप दर्ज है. जिनपर फांसी या उम्रकैद की सजा होती है.
इनपर भी आरोप तय किये गये: अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे.
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