राजधानी पटना में अधिकारी बनाने का दावा कराने वाली कोचिंग संस्थानों पर बड़ी कार्रवाई की गयी है। पटना के सिविल सेवा की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग संस्थानों पर केंद्रीय जीएसटी महकमा ने रेड मारी है। यह छापेमारी देर रात तक जारी रही और अगले दिन भी जारी रहने की संभावना है। जांच पूरी होने के बाद गड़बड़ी का आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। केंद्रीय जीएसटी महकमा ने पटना के बोरिंग कैनाल रोड में कुमार टॉवर में मौजूद संस्थान के मुख्य कार्यालय के अलावा मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में मौजूद इस संस्थान की शाखाओं में भी एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान करोड़ों की गड़बड़ी सामने आई है। अब तक हुई जांच में पांच करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है। अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई कि इस संस्थान की तरफ से बड़ी संख्या छात्रों को स्टेशनरी सामग्री के अतिरिक्त कई तरह के नोट्स या पाठ्य सामग्री भी सप्लाई की जाती है। यह संस्थान छह तरह की सेवाएं प्रदान करती है। बावजूद इसके स्तर से इसके अनुरूप जीएसटी जमा नहीं किया जाता है।
संस्थान के स्तर से कई तरह के ऑनलाइन और ऑफलाइन सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं। इसमें प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से तैयारी करने से जुड़ी कई तरह की सामग्रियां मुहैया कराई जाती हैं। टेस्ट सीरिज, परीक्षा, मौखिक परीक्षा, मॉक इंटरव्यू समेत अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इसके एवज में छात्रों से पैसे लिए जाते हैं, लेकिन बदले में जीएसटी महकमा को टैक्स नहीं दिया जाता है।
जीएसटी की जांच के दौरान इससे जुड़े कई तरह के दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसके आधार पर जीएसटी में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई है। फिलहाल जब्त किए गए सभी दस्तावेजों की जांच चल रही है। संस्थान ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में व्यापक स्तर पर धांधली की है। इसके प्रमाण भी मिले हैं।
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