जनहित के मामलों के प्रति हमसभी प्रतिबद्ध; अपशिष्ट प्रबंधन एवं स्वच्छता के लिए जन-जन को जागरूक करने की आवश्यकताः डीएम…

समाहरणालय, पटना
(जन-सम्पर्क शाखा)
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प्रे.वि.सं. 367
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ज्ञान भवन में एसएलडब्ल्यूएम पर कार्यशाला का आयोजन
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पटना, शनिवार, दिनांक 20 मई, 2023ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि जनहित के मामलों के प्रति हम सभी प्रतिबद्ध हैं। वे आज ज्ञान भवन, पटना में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान-द्वितीय चरण अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन पर आयोजित एकदिवसीय उन्मुखीकरण-सह-कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इसमें जिले के सभी ग्राम पंचायतों के माननीय मुखिया, पंचायत सचिव, स्वच्छता पर्यवेक्षक, सभी पंचायत तकनीकी सहायक, मनरेगा कनीय अभियंता, एलएसबीए के प्रखंड समन्वयक, जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक, मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने भाग लिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि माननीय मुखियों, कर्मियों तथा अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि आप सभी काम के प्रति मुस्तैद हैं। समाज के अंतिम पायदान तक पहुँच सुनिश्चित करने, उन्हें विकास की प्रक्रिया से जोड़ने एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा तथा महिला सशक्तिकरण संबंधी विषयों पर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए माननीय मुखियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार के विकासात्मक एवं लोक- कल्याणकारी कार्यक्रमों तथा योजनाओं को जन-जन तक पहुँचा कर आप विकास को अपेक्षित गति प्रदान करते हैं। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विकास के प्रति हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक एवं समावेशी है। विकसित बिहार के सात निश्चय तथा आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय के सफल क्रियान्वयन के लिए हम सभी सजग एवं तत्पर हैं। आपसी समन्वय के द्वारा न्याय के साथ विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हम सभी अग्रसर हैं।
इससे पहले जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त, पटना  तनय सुल्तानिया, मुखिया संघों के अध्यक्ष एवं अन्य के साथ दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उप विकास आयुक्त, पटना द्वारा लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की रूप-रेखा, ओडीएफ से ओडीएफ-एस एवं ओडीएफ-प्लस, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की संकल्पना तथा आवश्यकता, ग्रामीण परिवेश में इसकी वर्तमान स्थिति, वित्तीय प्रावधान, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, तकनीकों का प्रयोग, जिले की उपलब्धि इत्यादि पर विस्तार से बताया गया। पूरे दिन कार्यशाला का आयोजन हुआ। एसएलडब्ल्यूएम हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई। पंचायती राज विभाग की योजनाओं तथा स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के बारे में अभिमुखीकरण किया गया। खुला सत्र एवं प्रश्नोत्तर सेशन का भी संचालन किया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से संग्रहित किए गए ठोस अपशिष्ट का जैविक खाद एवं प्लास्टिक अपशिष्ट का उचित माध्यमों से निपटान किया जा रहा है। अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई द्वारा जैविक एवं अजैविक अपशिष्टों का भंडारण तथा प्रसंस्करण किया जाता है। उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों के वैज्ञानिक ढंग से संग्रहण एवं निष्पादन के प्रति हम सबको सजग एवं मुस्तैद रहना होगा। उन्होंने कहा कि पटना जिला में इस विषय पर काफी अच्छा काम किया गया है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत एसएलडब्ल्यूएम के क्रियान्वयन तथा ओडीएफ प्लस में उत्कृष्ट कार्य हेतु पटना को अनेक बार पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आगे भी हम सभी सराहनीय कार्य करते रहेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आज की इस कार्यशाला में बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा किया जाए। लोग अपने अनुभव को शेयर करें। इससे सभी को लाभ होगा। इससे प्राप्त जानकारियों का उपयोग आप सभी पंचायतों के विकास में करें। उन्होंने कहा कि विकास में माननीय मुखियों को प्रशासन का पूरा समर्थन प्राप्त है। आपसी समन्वय स्थापित रखने के लिए तंत्र क्रियाशील है। फंड की किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है। पंचायतों को विकास संबंधी राशि अंतरण का प्रस्ताव जब भी उनके पास आता है वे इसे तुरत अनुमोदित करते हैं।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नगर निकायों के जैसे पंचायतों में भी स्वच्छता से संबंधित योजनाओं का संचालन हो रहा है यह खुशी का विषय है। जिन पंचायतों में एसएलडब्ल्यूएम में धीमी प्रगति है वहाँ इसमें तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि पंचायतों की रैंकिंग की जाए। अच्छे प्रदर्शन करने वाले पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। क्षेत्र भ्रमण के दौरान इसका निरीक्षण भी किया जाएगा। वे स्वयं निरीक्षण के वक्त पंचायतों में योजनाओं का क्रियान्वयन देखते हैं।
एसएलडब्ल्यूएम में पटना ज़िला की प्रगति(2020-23)
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 कुल ग्राम पंचायतों मे 167 ग्राम पंचायतों मे कार्य आरंभ
अगले फेज मे 142 ग्राम पंचायतों मे कार्य आरंभ करने की योजना
167 ग्राम पंचायतों मे  268 गाँव एस्पायरिंग, राइजिंग 35
जिसमें 64 गाँव मॉडल
पटना जिला  मे तरल अपशिष्ट प्रबंधन अन्तर्गत अबतक 3699 सोकपिट, 2031 जंक्शन चैम्बर, नाला आउट्लेट 440 and 1 वेस्ट स्टेबिलाइज़ेशन पाउंड  का निर्माण कराया गया  है।
वर्ष 2020- 2021 में 64 ग्राम पंचायतों में कुल- 391791320 करोड़ की राशि वितरित
वर्ष -2022-2023 में 103 ग्राम पंचायतों में कुल-618458160 करोड़ की राशि वितरित
आज के इस कार्यशाला में सिविल सर्जन पटना  श्रवण कुमार, निदेशक डीआरडीए अरविन्द कुमार, राज्य समन्वयक, एलएसबीए  राजेश कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी  संजय कुमार वर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक(स्वास्थ्य)  विवेक कुमार सिंह एवं अन्य भी उपस्थित थे।
डीपीआरओ, पटना