नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच अब खुलकर बयानबाजी होने लगी, इसी बीच नीतीश ने दो टूक कहा कि उन्हें जेडीयू में रहना है तो रहें, जाना हो तो भी बहुत अच्छा…

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच अब खुलकर बयानबाजी होने लगी है। दोनों की बीच अब पहले जैसे रिश्ते नहीं रहे।

अगर कोई बात है तो हमसे कहें। आखिर दोनों में टकराहट की क्या वजह है? किस घटना के बाद से दोनों एक-दूसरे पर हमलावर हो गए है? आइए सिलसिलेवार जानते हैं पूरा मामला:

– उपेंद्र कुशवाहा पिछले हफ्ते 19 जनवरी को दिल्ली के एम्स में रुटीन चेकअप के लिए भर्ती हुए थे। वहां बिहार बीजेपी के तीन नेता उनसे मिलने पहुंच गए थे।  कुशवाहा से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के किसी नेता के साथ मुलाकात का यह अर्थ निकालना कि हम बीजेपी के संपर्क में है, ये गलत है। संपर्क की बात इस अर्थ में की जा रही है कि बीजेपी के नेताओं से हमारी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही ज्यादा संपर्क में है।

– उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड दो-तीन बार बीजेपी के संपर्क में गई और फिर संपर्क से बाहर हो गई। पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है, वह करती है।  मैं जेडीयू में रहूंगा कि नहीं यह मेरे अलावा और कौन तय कर सकता है?

– इसके बाद सीएम नीतीश कुमार से जब उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सवाल किया था,  छोड़ दीजिए उनको, जो उनके मन में आए वह बोलते रहें।  उनकी बात पर हमारी पार्टी का कोई भी आदमी कुछ नहीं बोलेगा।

– इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं। इससे जदयू कमजोर हो रही है। राजद में कुछ लोग नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।

– सीएम नीतीश कुमार ने कुशवाहा के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा-  ये झूठे आरोप हैं। लोगों को जो कहना है, कहने दो। मैंने किसी को नहीं रोका। नेता अपनी इच्छा से आ और जा सकते हैं।

– इस तनातनी के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया, ‘बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले।’ इसके आगे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर….?

– जेडीयू में हिस्सेदारी वाले बयान पर अब नीतीश कुमार ने कहा है कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। अगर कोई बात है तो हमसे कहें। इसके अलावा नीतीश ने दो टूक कहा कि उन्हें जेडीयू में रहना है तो रहें, जाना हो तो भी बहुत अच्छा है।