बिहार विधानसभा के अध्यक्ष तथा बिहार के लखीसराय से विधायक विजय कुमार सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में लखीसराय के एसडीपीओ और दो थानेदार को हटाने का आदेश पारित किया गया है। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सदन शुरू होते ही यह मामला उठा। हालांकि इससे पहले ही एसपी सुशील कुमार ने विरुपुर के थानाध्यक्ष दिलीप कुमार को वहां से हटा दिया था।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से दुर्व्यवहार के मामले में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया गया था। सोमवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान हंगामे के बाद कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई। इस बैठक के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उनके साथ दुर्व्यवहार के मामले में लखीसराय के एसडीपीओ रंजन कुमार, बड़हिया थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह और विरुपुर थाना अध्यक्ष दिलीप कुमार को जांच रिपोर्ट आने तक उनके मौजूदा तैनाती से हटाने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मांजरा?
जानकारी हो कि सरस्वती पूजा के दौरान बड़हिया के टाल क्षेत्र में आर्केस्ट्रा के आयोजन के बाद कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन का केस पुलिस ने दर्ज किया था। उस मामले में पुलिस ने आयोजक मंडली में शामिल एक युवक गौतम कुमार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष जब क्षेत्रीय दौरे पर आए थे तो उन्होंने इस गिरफ्तारी पर आपत्ति प्रकट की थी। वे आयोजक और उद्घाटनकर्ता पर कार्रवाई न करके दर्शक को गिरफ्तार करके जेल भेजने का आरोप पुलिस पर लगाया था।
उस समय एसपी सुशील कुमार छुट्टी पर थे। एसडीपीओ रंजन कुमार एसपी के प्रभार में थे। विधानसभा अध्यक्ष का आरोप था कि मामले की जानकारी लेने के दौरान उक्त तीनों पलिस पदाधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने इसके बाद विशेषाधिकार हनन को लेकर जांच का आदेश दिया था और गृह सचिव और डीजीपी को तलब किया था। पूरे प्रकरण की जांच अभी चल ही रही थी कि सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक करके एसडीपीओ और दो थानाध्यक्षों को हटाने का आदेश दिया।
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