बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सदन के भीतर आज फिर से हंगामा…

बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने सदन में राजस्व भूमि सुधार विभाग से जुड़े मामले को उठाया। जिसके बाद विभागीय मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा। लेकिन बीजेपी के विधायक सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और बेल में पहुंच गए। जिसपर स्पीकर ने बीजेपी विधायकों को चेतावनी दी और कहा कि आसन किसी के दबाव में नहीं आएगा और नियम कानून से चलेगा।

दरअसल, बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने सदन में सवाल उठाया कि राज्य में विभिन्न सरकारी भवन निर्माण के लिए राज्य में अंचलधिकारी स्तर पर लंबित प्रस्तावों का निराकरण कब तक कराया जाएगा और दोषी सीओ के विरुद्ध कब तक कार्रवाई की जाएगी। बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण 113 एपीएचसी, 527 उप स्वास्थ्य केंद्र, 1164 आंगनबारी केंद्र, 738 सामुदायिक भवन, 1834 यात्री प्रतीक्षालय, 3144 पंचायत मनरेगा भवन, 7347 प्रखंड मनरेगा भवन जैसे कई योजनाएं लंबित हैं।

सरकार की तरफ से विभागीय मंत्री ने माना कि इसमें विलंब हो रहा है। एमपी एमएलए लैंड फंड से जुडी योजना भी समय पर पूरी हो ये कोशिश विभाग की ओर से की जा रही है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि विभाग की तरफ से जल्द ससमय काम हो ये कोशिश की जा रही हालांकि मंत्री ने अधिकरी पर कार्रवाई की बात को ख़ारिज कर दिया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायक बेल में पहुंच गए। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आसन किसी के दवाब में नहीं आएगा और नियम क़ानून से चलेगा।

मालूम हो कि, इस मामले को सबसे पहले खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग को भेजा गया। उसके बाद सवाल को PHED विभाग को भेज दिया गया। सरकार का यह टाल- मटोल रवैया यही नहीं रुका बल्कि वह सवाल स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया। इसी को लेकर स्पीकर नाराज हो गए और अपने स्तर से PHED विभाग को देखने का निर्देश दिया। जिसके बाद PHED विभाग के मंत्री जवाब देने के लिए खड़े हो गए।