लॉकडाउन में इंसानों के साथ जानवरों की जिंदगी बचाने की पहल में भी जुटा पटना जिला प्रशासन

कोरोना के संकट को देखते हुए जहां देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है वहीं इस बीच गरीबों और बेसहारा लोगों के साथ ही जानवरों की जिंदगी बचाने और भूख मिटाने की पहल पटना जिला प्रशासन कर रहा है।

12 व्यक्तियों की तीन टीमें जुटी

पटना जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में लावारिस पशुओं एवं स्ट्रीट डॉग को पशुचारा खिलाने तथा पशुपालकों के लिए दुकानों में उचित मूल्य पर पशुचारा की बिक्री सुनिश्चित कराने हेतु दुकानों की सतत रूप से जांच की कार्रवाई जारी है।

उल्लेखनीय है कि 12 व्यक्तियों की तीन टीम द्वारा शहरी क्षेत्र में पशुओं के भोजन की व्यवस्था तथा उनके स्वास्थ्य की देखरेख हेतु कर्मी सक्रिय एवं तत्पर हैं। इस आशय की जानकारी देते हुए जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि इस कार्य में तीन एंबुलेंस ,2 डॉक्टर, 2 स्टाफ तथा 3 टीम के 12 व्यक्ति संलग्न है। इस क्रम में 350 लावारिस पशुओं को चारा के रूप में भूसा, चोकर खिलाया गया जिसकी मात्रा 10 क्विंटल थी। साथ ही पटना सिटी ,पटना सदर एवं दानापुर अनुमंडल के 250 स्ट्रीट डॉग को दलिया/ खिचड़ी /चिकन /चावल खिलाया गया जिसकी मात्रा 25 किलोग्राम थी।

जिले में पशु चारा का पर्याप्त भंडार

जिले में पशु चारा का पर्याप्त भंडार है तथा जरूरत पड़ने पर आवश्यकतानुसार पशुचारा मंगाया भी जा सकता है। 25 क्विंटल पशुचारा अभी भंडार में उपलब्ध हैं जिसमें चोकर, गेहूं भूसा ,चावल ,दाल , सोयाबीन आदि उपलब्ध है। पटना में सभी पशु चारा की दुकानों को खुलवाया गया है तथा सरकारी निर्देश के आलोक में मीट, मछली, अंडा, चिकन आदि की दुकानों को भी खुलवा दिया गया है । पशुचारा की दुकानों में उचित मूल्य पर पशुचारा की बिक्री सुनिश्चित कराने हेतु 17 दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया तथा सभी दुकानों को उचित मूल्य पर पशुपालकों को पशु चारा उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया गया है।