अमेरिकी कंपनी द्वारा भारतीयों से अरबों रुपए की लूट, अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोर्चा ने पीएम को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की

अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनवंत सिंह राठौर ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन को पत्र लिखकर अमेरिका की कंपनी ऑनपैसिव द्वारा पूरे देश मे लुभावना सपना दिखा कर दो लाख से अधिक भारतीयों से अरबॉ रूपए लूट की सीबीआइ जांच की मांग की है। कम्पनी ने जो वायदा किया था,और सपना दिखाई थी उसे दो साल बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं किया है।

ऑनलाईन गो फाउंडर के रूप में सदस्य बना रही

राठौर ने कहा कि ऑनपैसिव ने पिछले साल मार्च में ही कई तरह के वायदे और सदस्य बनने पर लाखो रुपए मिलने की बात कर 9,086 रूपए बैंक अकाउंट से नहीं, बल्कि लिंक पर लेकर ऑनलाईन गो फाउंडर के रूप में सदस्य बना रही है । प्रत्येक दिन जूम पर मीटिंग चालू कर हजारों लोगो को सदस्य बनाया जा रहा है। अभी तक लाखों लोगों को सदस्य बना कर अरबों रुपए कम्पनी अपने खाते में जमा करवा चुकी है।

गुगल फेसबुक जैसे 80 प्रोडक्ट 215 देश में लांच करेगी

श्री राठौर ने बताया कि लोगो को ऑनपैसिव ने सपना दिखाया कि अपने गो फाउंडर सदस्यो को कम्पनी ऐसे जूम जैसा ऑन पैसिव नामक आईटी प्रोडक्ट देगी जिसमे एक साथ पचास हजार लोग शामिल होंगे। साथ ही गुगल फेसबुक जैसे 80 प्रोडक्ट 215 देश में लांच करेगी। इसके अलावा सदस्य को होने वाली आमदनी से कम से कम करोड़ रुपया भी मिल जाएगा।आज दो साल हो रहे है हर बार जूम मीटिंग में कम्पनी की ओर से यही कहा जाता हैं कि प्रोडक्ट जल्द ही लांच होगा, लेकीन आज तक कुछ भी नहीं हो पाया है। जबकि 9,086 रूपए लाखों लोगो से ऑनलाइन जमा करवा कर ऑनपैसिव अरबों रुपए ले जा चुकी है।

ऐसे कंपनियों पर नकेल कसने की जरुरत

श्री राठौर ने कहा कि आज इस तरह के कम्पनी आए दिन तरह तरह के लूभावने सपने दिखाकर लोगों से अरबों रूपए लूट कर चंपत हो जाती है। इसलिए जरूरत है कि सरकार ऐसे कम्पनियों पर नकेल कसने का काम करने के लिए तुरंत ऑनपैसिव के क्रिया कलापों की जांच सीबीआई से करा कर देश के पैसा को बाहर जाने से रोकने की दिशा में पहल के साथ साथ आम लोगों को ठगी के शिकार होने से बचाया जाए।

संवाददाता सम्मेलन में रत्नेश कुमार सिंह, इंद्रजीत पटेल, अजय कुमार सिंह, गौरी शंकर, संजय कुमार सिंह डॉ पी एस दयाल भी मौजूद थे।