कोरोना यानी कोविड 19 का संक्रमण और लॉकडाउन के बीच जिलाधिकारी पटना ने 30 अप्रैल तक पुस्तकों को बेचा जा सकता है लेकिन शर्ते होगी लागू जो कि ये हैं
- किताब की दुकान पर या स्कूल परिसर में किताबों की बिक्री काउंटर को अनुमति दी जाएगी। जिसका समय सुबह 6 से शाम 6 बजे होगा।
- कक्षा की दुकानों / बिक्री काउंटर केवल स्कूली पाठ्य पुस्तकों की बिक्री या कक्षा LKG से कक्षा XII तक अनिवार्य अध्ययन सामग्री के लिए खोले जाएंगे। बतादें कि 30 अप्रैल तक किसी भी प्रतिस्पर्धी किताबें या कॉलेज की किताबें या व्यावसायिक शिक्षा की किताबें बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- स्कूल इस तरह के कार्यक्रम तय करेंगे कि भीड़ से बचने के लिए केवल 25 माता-पिता एक घंटे में खरीदने के लिए पूर्व निर्धारित होंगे। भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक दिन और प्रत्येक वर्ग सेक्शन के लिए अनुसूची तय की जाएगी। जिसकी सूचना माता-पिता को पहले से दिया जाएगा।
- बिक्री काउंटर पर केवल माता-पिता में से किसी एक को आने की अनुमति होगी। जहाँ माता-पिता या अभिभावकों को अपने वार्ड के मूल आई-कार्ड को अपनी फोटो आईडी के साथ ले जाना आवश्यक होगा। वहीं इस स्कूल आईडी को यातायात के उद्देश्यों के लिए पास माना जाएगा।
- दोपहिया वाहन पर केवल एक व्यक्ति को अनुमति दी जाएगी और चार पहिया वाहन पर भी ही एक व्यक्ति को अनुमति दी जाएगी। पुस्तकें ले जाने की व्यवस्था तदनुसार की जाएगी।
- काउंटर पर या किताबें खरीदने के लिए आने वाले व्यक्ति के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
- बिक्री काउंटर पर सोशल डिस्टनसिंग का पालन किया जाएगा जिसके लिए प्रत्येक 6 फीट की दूरी पर सफेद वृत्त चिह्नित किए जाएंगे।
- सर्दी / खांसी आदि के लक्षणों वाले किसी को भी काम करने या काउंटर के पास आने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही किसी भी बच्चे या वृद्ध व्यक्ति को आने के लिए नहीं कहा जाएगा।
- बिक्री काउंटर पर सैनिटाइटर और साबुन का उपयोग अनिवार्य होगा।
- मूल्य का प्रदर्शन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में तेजी आए।
बतादें कि बिहार में हर रोज मिल रहे कोरोना के नए मरीज़ों को देखते हुए सरकार की चिंता काफी बढ़ गयी है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।
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