हाय री व्यवस्था! सरकारी अस्पतालों में भी मची लूट, नींद से कब जागेंगे सुशासन बाबू…..

डेंगू का प्रकोप पटना समेत पूरे प्रदेश में कहर बन कर टूट रहा है। दूसरी ओर आपदा को अवसर बनाकर शहर के कुछ निजी प्राइवेट ब्लड बैंक व क्लिनिक डेंगू मरीजों से प्लेटलेट्स के नाम पर मनमानी कीमतें वसूलने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उन्हें अच्छा और बुरा में फर्क ही नहीं पता चल पा रहा है।शहर के प्राइवेट अस्पताल एसडीपी के नाम पर 20 से 25 हजार रुपये वसूल रहे हैं, हैरानी की बात तो यह है कि सरकारी अस्पतालों में भी प्लेटलेट्स की अलग-अलग कीमतें ली जा रही हैं। खास तौर पर डेंगू पीड़ितों के लिए जरूरी एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) के लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर प्लेटलेट्स की कीमतें तय न होने से मरीज व उनके परिजनों के बीच भ्रम बना हुआ है और मजबूरी में उन्हें अधिक पैसे देने पद रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू मरीजों में तेजी से प्लेटलेट्स गिरता है। इससे मरीजों में खून के ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है। दो तरह के प्लेटलेट्स चढ़ाये जाते हैं-रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) और सिंगल डोनर प्लेटलेट्स। मरीज ज्यादा गंभीर है, तो उसे एसडीपी चढ़ाया जाता है। इसमें एक ग्रुप के डोनर के प्लेटलेट्स निकाल कर तुरंत मरीज को चढ़ाया जाता है। इससे गंभीर मरीज में तेजी से प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ती है।

बिहार की राजधानी पटना सहित अन्य कई जिलों में डेंगू के बढ़ते मामलों ले बावजूद भी अभी तक राज्य में एसडीपी की कीमत तय नहीं की जा सकी है। यही वजह है कि सरकारी मेडिकल संस्थानों में एसडीपी की कीमतें अलग-अलग हैं। आइजीआइएमएस के ब्लड बैंक में अभी एसडीपी नहीं है। कर्मचारी ने बताया कि यहां दो तरह के शुल्क मरीजों से लिये जाते हैं। अगर मरीज आइजीआइएमएस में भर्ती है, तो उससे 9500 रुपये लिये जाते हैं, जबकि प्राइवेट अस्पताल में भर्ती डेंगू मरीज यदि आइजीआइएमएस में एसडीपी कराता है, तो उसे करीब 14000 रुपये देने पड़ते हैं।

पटना एम्स में भी कीमत करीब 8500 रुपये
पटना एम्स में भी करीब 8500 रुपये एसपीडी के लिए जाते हैं। यहां प्रतिदिन पांच से छह मरीजों का एसडीपी की जा रही है। वहीं, मां ब्लड बैंक में 9700, प्रथमा ब्लड बैंक में 12000, रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल में 11500 और पारस एचएमआरआइ हॉस्पिटल में 14000 रुपये एसडीपी का शुल्क लिया जा रहा है। वहीं, पीएमसीएच में मशीन खराब होने से मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। रेड क्रॉस ब्लड बैंक में यह सुविधा ही नहीं हैं।

निजी अस्पतालों में 20 से 25 हजार तक शुल्क
कई प्राइवेट अस्पतालों में एसडीपी के नाम पर लूट मची है। बाइपास, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, बोरिंग रोड, पटना सिटी के कई अस्पताल हैं, जहां 20 से 25 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। सबसे अधिक इस तरह के मामले बाइपास इलाके में संचालित प्राइवेट अस्पतालों में आ रहे हैं। कुछ मरीजों ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन कार्यालय में भी की है। परंतु अभी तक इस गंभीर विषय को लेकर सरकार में बैठे लोगो में गंभीरता नजर नहीं आ रही है।