
लोक आस्था के महान पर्व छठ की धुन बिहार के हर गली से सुनाई देने लगी है। लोग पूरी तरह से भगवान भास्कर और छठी मैया की आराधना में डूब चुके हैं। आस्था के महापर्व छठ का आज नहाय खाय के साथ आगाज भी हो चुका है। ऐसे तो बिहार में छठ पर लोग अपने अपने घरों के छतों पर ही या छोटे-छोटे छठ घाट बनाकर तालाबों के किनारे भगवान भास्कर की पूजा करते हैं लेकिन गंगा किनारे पहुंच छठ पर्व करने का बात ही कुछ अलग है। इस बार गंगा का जलस्तर कुछ बढ़ा हुआ है और कई घाट खतरनाक भी घोषित कर दिए गए हैं लेकिन बावजूद इसके इस बार सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन रहा है जेपी गंगा पथ यानी पटना का नवनिर्मित मरीन ड्राइव।

क्या है घाटों की तैयारी…..
पटना के इन घाटों पर लोगो की भीड़ दिखाई देने लगी है। मरीन ड्राइव बनने के बाद पहली बार जेपी-गंगा पथ पर गंगा किनारे छठ पर्व होने जा रहा है। इसे लेकर पटना जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है ताकि हजारों की संख्या में छठ व्रती जब इन घाटों पर आएं तो उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े।






मरीन ड्राइव क्यों बना आकर्षण का केंद्र…..
आपको बता दें कि इस बार मरीन ड्राइव के किनारे लगभग 12 गंगा घाट बनाए गए है जहां पटना के कई इलाकों के लोगों के लिये पहुंचना बेहद आसान होगा। खगौल और फुलवारी शरीफ के लोग एलिवेटेड रोड के जरिए इन घाटों पर पहुंच सकते हैं, वहीं बेली रोड और अटल पथ से जुड़े लोग भी आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।
छठ के लिए चयनित घाटों के नाम…..


कंकड़बाग, बाकरगंज, गांधी मैदान, स्टेशन से जुड़े इलाके के लोग भी जेपी सेतु पथ के किनारे बने घाट पर आसानी से पहुंच सकते हैं। अब जरा ये भी जान लीजिए कि मरीन ड्राइव से सटे कौन-कौन से छठ घाटों पर प्रशासन ने छठ करने की अनुमति दी हैं उनके नाम शिवा पाटी पुल, मीनार घाट, बिंद टोली घाट, दीघा 93, 88, 83, बालु पर, कुर्जी, एलसीटी, राजापुर पुल और पहलवान घाट हैं। दीघा 93 घाट के सामने जेपी गंगा सेतु को पार करके गंगा की तरफ उतरने का रास्ता बनाया गया है ताकि लोग गंगा किनारे आसानी से पहुंच सकें।
Reported and edited by: siddharth
pandey
You must be logged in to post a comment.