जिले में चल रहे घर-घर जाकर टीबी रोगी खोजो अभियान की रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। 1 से 21 मार्च तक 12,992 लोगों की जांच कराने पर 185 टीबी संक्रमित मिले हैं। जबकि इसी समय अंतराल में 93,112 लोगों की जांच में कोरोना के 159 मरीज मिले हैं। दो साल में कोरोना से 473 और टीबी से 934 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2020 में 424 और 2021 में 405 लोगों की टीबी से मौत हुई हैं।
चालू वित्त वर्ष में अब तक पांच टीबी संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि टीबी का संक्रमण तेज गति से फैल रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आरके यादव ने बताया कि टीबी को छिपाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में टीबी जानलेवा साबित होने लगती है।
भोजपुर में मिले सबसे अधिक रोगी
सर्वे के तहत डाट्स केंद्रों पर टीबी के सात, इएसआइ केंद्र पर 12, लोनी में 10, मुरादनगर में सात, भोजपुर में 34, विजयनगर में पांच, खोड़ा में सात, साहिबाबाद में छह, पसौंड़ा में 11, चिरौडी में 15, मंडौला में आठ, बम्हैटा में आठ, डासना में 11, संजयनगर में 13, मोदीनगर में 9 और फरीदनगर में 14 मरीज मिले हैं।
टी.बी को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
टीबी और कोविड-19 दोनों ही संक्रामक रोग हैं। दोनों के वायरस फेफड़ों पर हमला करते हैं। इन दोनों में ही खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण सामने आते हैं। टीबी की इन्क्यूबेशन अवधि ज्यादा होती है, जिससे इस बीमारी के लक्षण बहुत धीरे-धीरे सामने आते हैं। टीबी रोगियों में अन्य बीमारियों जैसे कुपोषण, मधुमेह और एचआइवी की बीमारियां भी होती हैं। इसलिए टीबी के रोगियों को अपना रोग छिपाने की जगह जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए। वरना यह बीमारी जानलेवा भी बन सकती है।
क्या है टीबी के साधारण लक्षण
क. तीन सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना।
ख. कभी-कभी खांसने के दौरान खून आना
ग. बुखार आना, खासतौर से रात के समय
घ. वजन का कम होना
च. भूख कम लगना
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