चीन विवाद के बीच सेना प्रमुख नरवणे दिल्ली से लेह के लिए रवाना, तैयारियों की करेंगे समीक्षा

भारत और चीन सीमा विवाद के बाद उपजी स्थितियों को सामान्य करने के लिए दोनों पक्षों ने सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के बाद चीन के तेवर नरम पड़ गए हैं। दोनों पक्षों की बातचीत के बाद तनाव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है। इसी बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे दिल्ली से लद्दाख के लिए रवाना हो गए हैं। दिल्ली में सैन्य कमांडरों के कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद लेह के लिए रवाना हुए। वह उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी के साथ जमीन और परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा सेना प्रमुख ग्राउंड कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और फॉरवर्ड स्थानों का भी दौरा करेंगे।

हिंसक झड़प के बाद पहली बार सेना प्रमुख का लेह दौरा

गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद सेना प्रमुख पहली बार लेह जा रहे हैं। इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने रविवार को लद्दाख का दौरा किया था। बता दें कि लद्दाख में हुई हिंसा में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए जिसमें कर्नल रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं।

सोमवार को हुई सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता

सोमवार को मोल्डो में दोनों पक्षों के बीच 11 घंटे तक सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। भारत ने अडिग रहते हुए दो टूक कहा था कि गलवां, पेंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग पर जब तक दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं हो जाती पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात नाजुक बने रहेंगे।

झड़प से पहले छह जून को हुई थी दोनों देशों के बीच बातचीत

इससे पहले छह जून को दोनों पक्षों के बीच हुई सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष स्थिति को सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक जुड़ाव जारी रखेंगे। मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में हुए विवाद को शांतिपूर्वक हल करने के लिए सहमत हुए और नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता समग्र विकास के लिए आवश्यक है।