नए जम्मू-कश्मीर का एक सालः केंद्र ने बहाई विकास की गंगा, पाकिस्तान से आए 20,000 हिंदू परिवारों को बसाया गया

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के आज एक साल हो गए। आज ही के दिन केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को अलग संविधान लागू किया गया था। 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दूसरे राज्यों के नागरिकों को कश्मीर में डोमिसाइल मिलना शुरू हो गया है। इस दौरान पश्चिमी पाकिस्तान से आए 20,000 हिंदू परिवारों को कश्मीर में बसाया गया और प्रत्येक परिवार को 5.5 लाख रुपए की सहायता भी दी गई।

70 वर्षों बाद अब शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे

10,000 सफाई कर्मचारियों को भी कश्मीर की नागरिकता मिली, जिससे उन्हें 70 वर्षों बाद अब शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस दौरान 170 कानूनों को राज्य में लागू किया गया। इनमें सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, बुजुर्गों, विकलांगों, महिलाओं और बच्चों के लिए बनाए गए विशेष कानून शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के 164 कानून रद्द किए गए, जबकि 138 कानूनों को कुछ बदलाव के बाद लागू किया गया।

25,000 और नौकरियां दी जाएंगी

सरकार ने एक वर्ष के दौरान 10 हजार लोगों को सरकारी नौकरियां दीं और जल्द ही 25,000 और नौकरियां दी जाएंगी। इनमें डॉक्टर, पशु चिकित्सक, पंचायत लेखा अधिकारी के अलावा चतुर्थ श्रेणी के पद हैं।

जम्मू-कश्मीर में रह रहे 44 हजार कश्मीरी प्रवासी परिवारों के लिए 6,000 पद आरक्षित किए गए, जिनमें से 4,000 पर भर्ती हो चुकी है। जम्मू में रह रहे 1000 प्रवासी परिवारों को 13,000 रुपये प्रति माह मदद के रूप में दी जा रही है।

दरभंगा के मूल निवासी नवीन कुमार चौधरी को कश्मीर का डोमिसाइल

दरभंगा के मूल निवासी नवीन कुमार चौधरी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें कश्मीर में बसने का अधिकार मिल सकता है। पिछले सप्ताह चौधरी भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऐसे पहले अधिकारी बने, जिन्हें कश्मीर का डोमिसाइल प्राप्त हुआ। वे 1994 से इसी राज्य में विभिन्न पदों पर काम कर रहे थे।