अर्थव्यवस्था पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किया कटाक्ष, कहा- जो मैं महीनों से बोल रहा था उसे RBI ने माना

वायनाड़ सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया है। राहुल गांधी का कहना है कि वे जिस खतरे के बारे में कई महीनों से आगाह कर रहे थे, उसे अब भारतीय रिजर्व बैंक ने भी माना है।

गरीबों को पैसा दें,उद्योगपतियों का टैक्स मत माफ कीजिए

राहुल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘आरबीआई ने अब पुष्टि कर दी कि जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। सरकार को अब ज्यादा खर्च करने की जरूरत है, कर्ज देने की जरूरत नहीं है। गरीबों को पैसा दें, उद्योगपतियों का टैक्स मत माफ कीजिए। खपत के जरिए अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू करें। मीडिया के जरिए ध्यान भंग करने से न तो गरीबों की मदद होगी और न ही आर्थिक आपदा गायब होगी।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मीडिया के जरिए भटकाने से गरीबों की मदद नहीं होगी और न ही आर्थिक त्रासदी गायब होगी. आरबीआई ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था में मांग को पटरी पर आने में लंबा समय लगेगा और इसका कोविड-19 के पहले के स्तर पर पहुंचना सरकारी खपत पर निर्भर करेगा. उसके मुताबिक, भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए तेजी से और व्यापक सुधारों की जरूरत है.

आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दूसरी तिमाही में भी जारी रहेगी

वहीं रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि मई और जून माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में जो बढ़त देखी गई थी वह कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिये फिर से लगाये गये लॉकडाउन के कारण अपनी बढ़त खो बैठीं हैं.

25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू था

केंद्र सरकार ने कोविड-19 को काबू में रखने के लिये 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था. उसके बाद मई में इस लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई जिससे उसके बाद लगातार विभिन्न चरणों में हटाया गया है. लेकिन कुछ राज्यों में कोविड- 19 का प्रसार बढ़ने की वजह से फिर से लॉकडाउन लगाया गया है.