मिजोरम की 40 विधानसभा के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है। अभी तक आए रुझानों में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) 29 सीट पर आगे चल रही है। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को 7 सीटों पर बढ़त मिली। वहीं कांग्रेस 1 पर आगे है और 3 सीट पर भाजपा बढ़त बनाए हुए है।
मिजोरम में 1984 से कभी कांग्रेस तो कभी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकारें
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 1984 से कभी कांग्रेस तो कभी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकारें रही है। इस बार यह देखना रोचक होगा कि एमएनएफ के जोरमथांगा अपनी सरकार को बचा पाते हैं या फिर राज्य पूर्व आईपीएस लालदुहोमा की नेतृत्व में बनी नई राजनीतिक पार्टी जोरम पिपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) कोई नई राजनीतिक समीकरण बनाएगी
2018 में ZPM को मिली थी 8 सीटें
जोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा हैं। लालदुहोमा एक पूर्व IPS अधिकारी हैं। जो पूर्व PM इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं। उनकी पार्टी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। 2018 में ZPM को 8 सीटें मिली थीं।
जोरमथंगा सत्ताधारी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष हैं। वह 1966 में MNF से जुड़े थे। काफी सालों तक पार्टी के अंडरग्राउंड वर्कर रहने के बाद 1989 में हुए विधानसभा चुनावों में चम्फाई सीट से विधायक चुने गए। 1990 में लालडेंगा की कैंसर की वजह से मौत होने के बाद जोरमथंगा को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।
जोरमथंगा के नेतृत्व में MNF ने 1998 में विधानसभा चुनाव जीता और वे पहली बार CM बने। 2003 में पार्टी ने फिर से सत्ता हासिल की और जोरमथंगा दोबारा मुख्यमंत्री बने। उनकी पार्टी को 2008 के चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी थी, मगर 2018 में फिर वापसी की और तीसरी बार CM बनें।
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