नवादा के चर्चित बालू राजस्व घोटाले में पूर्व एमएलए कौशल यादव व पूर्व एमएलसी सलमान पर आरोप गठित

नवादा जिले के चर्चित बालू राजस्व घोटाला मामले में पूर्व विधायक कौशल यादव और पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव के विरुद्ध आरोप का गठन किया गया है। पूर्व विधायक पर तीन मामले और पूर्व विधान पार्षद पर एक मामले में आरोप गठित हुआ है। इस मामले में पूर्व विधायक कौशल यादव और पूर्व विधान पार्षद सलमान रागीव शुक्रवार को एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में उपस्थित हुए। यहां अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश ने सभी अभियुक्तों पर आरोप का गठन किया। इसके साथ ही अब इन मामलों में गवाही की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी।

जिला अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2006 में बालू राजस्व घोटाला हुआ था, जिसमें 68 लाख रुपये सरकारी राजस्व की क्षति हुई थी। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 208/2006 दर्ज किया गया था। आरोप है कि बालू राजस्व राशि को चालान के द्वारा बैंक में जमा कर उक्त चालान को सम्बंधित कार्यालय में जमा किया गया, जिसे जांच में जाली पाया गया था। इस मामले में नगर थाना में तत्कालीन उपनिदेशक आकड़ा बैंक जय प्रकाश सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जांच के क्रम में बन्दोबस्तधारी के अलावा तत्कालीन विधायक कौशल यादव और तत्कालीन विधान पार्षद सलमान रागीव सहित अन्य कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। सहायक अभियोजन पदाधिकारी साकेत सौरभ ने अदालत में अभियोजन पक्ष रखा। इस मामले में पूर्व विधायक व पूर्व एमएलसी पर आरोप का गठन हुआ।

एक अन्य मामले में पूर्व आरोप गठित

बालू राजस्व घोटाला से जुड़े एक अन्य मामले में भी पूर्व विधायक कौशल यादव विशेष न्यायालय के दंडाधिकारी कुमार अविनाश के समक्ष उपस्थित हुए। जहां अदालत ने उनके विरुद्ध लगे आरोप सुनाते हुए आरोप का गठन किया। जानकारी के अनुसार नगर थाना पुलिस ने तत्कालीन विधायक कौशल यादव के प्रसाद बिगहा स्थित आवास पर छापेमारी की थी। वहां जिला खनन कार्यालय नवादा की मूल संचिका एवं अन्य दस्तावेज भी बरामद किया गया था। तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी श्याम नारायण सिंह के लिखित बयान पर नगर थाना कांड संख्या- 209/06 दर्ज किया गया था। इस मामले में शुक्रवार को सिर्फ कौशल यादव पर आरोप का गठन हुआ।

फर्जी चालान मामले में भी आरोप का गठन

फर्जी चालान के द्वारा बालू राजस्व राशि को जमा दिखाने के मामले में पूर्व विधायक कौशल यादव और विनय यादव के विरुद्ध आरोप गठित किया गया। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी कुमार अविनाश के समक्ष दोनों अभियुक्त उपस्थित हुए, जहां अदालत ने आरोप का सारांश सुनाया। दर्ज कांड के अनुसार बालू बन्दोबस्ती की राशि दो करोड़ तीन लाख रुपये के चालान की जांच की गई, जिसमें केवल 96 लाख 50 हजार रुपये जमा किये जाने की पुष्टि हुई। शेष चालान को फर्जी पाया गया था। तत्कालीन सहायक खनन पदाधिकारी श्याम नारायण सिंह के लिखित बयान पर नगर थाना में कांड संख्या- 227/06 दर्ज कराया गया था। अदालत में सहायक अभियोजन पदाधिकारी साकेत सौरभ ने अभियोजन पक्ष रखा। इसमें कौशल यादव और विनय यादव के पर आरोप का गठन हुआ।