पवित्र महीना रमज़ान की हुई शुरूआत, लोग घरों से कर रहे अल्लाह की इबादत

मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना रमजान 25 अप्रैल से शुरू हो गया है। इस महीने में इस्लाम को मानने वाले लोग पूरे एक महीने रोज़े यानी व्रत रखता है और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमज़ान की शुरुआत चांद देखने के बाद होती है। रमज़ान में सूरज उगने से आधे घंटे पहले सुबह लोग सेहरी करते हैं और फिर सारा दिन कुछ खाते या पीते नहीं हैं। फिर शाम को इफ्तार किया जाता है।

लेकिन इस बार लॉकडाउन और कोरोना वायरस की वजह से रमजान में पिछले सालों की तरह उल्लास नहीं है। ऐसे में ‘द शिफ्ट इंडिया’ संवाददाता मुकेश ने पटना के कुछ लोगों से जाकर बात की, और जाना कि इस बार वे रमजान कैसे मना रहे हैं।

लॉकडाउन में भी हमें कोई बाधा नहीं- मुमताज जहां

रमजान के मौके पर पटना सिटी की मुमताज जहां कहती हैं … रमजान के महीने का आज पहला दिन है। कोरोना वायरस को लेकर देश लॉकडाउन है। हमें इस वक्त अल्लाह की इबादत भी करनी है, और लॉकडाउन का पालन भी। बावजूद इसके हमें लॉकडाउन से कोई बाधा नहीं हो रही है। हम घर हीं में नजाम पढ़ रहे हैं। कुराण पढ़ रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से लगता है जमाने के बाद हम सब लोग एक साथ घर में एक साथ गुजार रहे हैं। पिकनिक जैसा माहौल है। वो कहती हैं कि इसी तरह से देश के सभी मुसलमानों को घर में रहकर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। जिससे कोरोना के खिलाफ जंग भी कमजोर न हो और मजबूत रहे आस्था की डोर।

जिंदगी में पहली बार देखा ऐसा रमजान

इस बार के रमजान पर पटना के मोहम्मद जावेद कहते हैं – हम अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसे हालात में रमजान देखें हैं। 60-70 साल के वृद्ध भी कहते हैं कि ऐसा पहली बार है कि आस पड़ोस के मस्जिदों में ताला बंद है। यहां तक पूरी दुनिया की मस्जिदें इस समय बंद है। ये सब जिंदगी को बचाने लिए किया गया है। यह भी एक इबादत हीं है। सोशल डिस्टेंसिंग इस समय बहुत जरूरी है। मस्जिदों में नमाज की अदायगी पर प्रतिबंध दरअसल अल्लाह का एक फरमान है, क्योंकि हम लोगों ने उनसे जो वादा किया था, उसे हम निभा नहीं पाये हैं। फल की उपलब्धता भी दुस्वार है। लोग किसी प्रकार जो मिल रहा है, उसे हीं ग्रहण कर रहे हैं। जाहिर है लॉकडाउन का पालन हर हाल में करना है। बाजारों की रौनक खत्म हो गयी है। फिलहाल हमें वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करते रहना चाहिए।

घर से हीं कर रहे अल्लाह की इबादत-अफसाना प्रवीण

वहीं इस बार के रमजान पर अफसाना प्रवीण कहतीं हैं- हम घर हीं में इबादत कर रहे हैं। कहीं बाहर नहीं निकल रहे हैं। बाजार बंद है, इसलिए घर पर हीं जो सामान बिकने आते हैं, उनसे जरूरतें पूरी हो रही है। हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि यह कोरोना वायरस रूपी संकट जल्द खत्म हो। जिससे यह दुनियां फिर से गुलजार हो सके।

वायरस के बावजूद भी रमजान फीका नहीं-मो. हिदायद

सरकार के निर्देश और रमजान की शुरूआत को लेकर मोहम्मद हिदायद कहते हैं कि वे घर से अल्लाह की इबादत का मन बनाये हैं। सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए नमाज अदा कर रहे हैं। कोरोना वायरस उपर वाले का कहर है। लेकिन उनके लिए रमजान फीका नहीं हुआ है। उनका मानना है कि मस्जिद की तरह हीं घर से वे इबादत कर रहे हैं