
कोरोना महामारी के बीच देशभर में सीरो सर्वेक्षण कराया गया. देश में अगस्त के महीने तक 10 वर्ष से ज्यादा उम्र का हर 15 में से एक व्यक्ति Sars-Cov-2 वायरस के संपर्क में आ चुका है। Sars-Cov-2 वायरस कोविड-19 बीमारी का कारण बनता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने दूसरे सीरो सर्वे के आंकड़ों को मंगलवार को सार्वजनिक किया, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है।
21 राज्यों में 70 जिलों में कराया गया सीरो सर्वेक्षण
आईसीएमआर ने पहला देशव्यापी सीरो सर्वेक्षण 11 मई और 4 जून के बीच कराया था। इसमें कुल संक्रमण का प्रसार 0.73 फीसदी था। जबकि दूसरा सर्वेक्षण 17 अगस्त और 22 सितंबर के दौरान किया गया था। दूसरा सर्वे भी पहले सर्वेक्षण में शामिल किए गए 21 राज्यों में 70 जिलों के 700 गांवों और वार्डों में ही किया गया। 29,082 लोगों के खून के नमूने लिए गए थे।
10 साल और उससे ऊपर के लोगों के नमूने लिए गए
पहले चरण में चयनित जनसंख्या 18 वर्ष और उससे अधिक थी, और दूसरे चरण में 10 साल और उससे ऊपर के लोगों के नमूने लिए गए थे।आकड़ों के अनुसार शहरी स्लम (15.6 फीसदी) और गैर-स्लम (8.2 फीसदी) इलाकों में Sars-Cov-2 संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 फीसदी) की तुलना में अधिक पाया गया। वहीं वयस्कों में (18 वर्ष से अधिक आयु) 7.1 फीसदी से अधिक था।
आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, “हमने दूसरे सर्वेक्षण में आयु वर्ग को बदल कर 18 साल से 10 साल और उससे अधिक आयु कर दिया, क्योंकि कम उम्र के लोगों में भी संक्रमण देखा गया था। सीरो सर्वे से हमें वायरस एक्सपोजर के शिकार होने का संकेत देता है, भले ही आपको यह बीमारी हुई हो या नहीं।”
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