बिहार राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, मुखिया पद उम्मीदवार के बैलट पेपर की छपाई के निर्देश

बिहार राज्य निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से लगा है। निर्वाचन आयोग द्वारा जिलों को EVM में इस्तेमाल होने वाले बैलट पेपर की छपाई के निर्देश दे दिए गए हैं। आयोग के निर्देशानुसार सफेद कागज पर काले रंग से ग्राम पंचायत सदस्य का नाम प्रिंट किया जाएगा। इसी तरीके से मुखिया पद के उम्मीदवार का नाम सफेद कागज पर हरे रंग से दर्ज किया जाएगा। पंचायत समिति प्रत्याशियों की पहचान मतदाता सफेद कागज पर नीले रंग से कर सकेंगे. इसके अलावा जिला परिषद सदस्य के लिए सफेद कागज पर लाल स्याही से पहचान दर्ज किया जाएगा।

आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, इस पहल से मतदाताओं को अपने चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग पदों के प्रत्याशियों की पहचान करने में मदद मिल सकेगी। प्रत्याशियों की क्रम संख्या और नाम ईवीएम की बाईं तरफ जबकि चुनाव चिन्ह दाईं तरफ रहेगा। आयोग ने अपने फैसले की जानकारी सभी जिला पदाधिकारियों और जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को दे दी है। आयोग द्वारा जिलों को जारी निर्देश में बताया गया है कि ग्राम पंचायत के 4 पदों (मुखिया ग्राम, पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्यों) का चुनाव ईवीएम से कराया जाना है। इसके लिए ईवीएम में उपयोग आने वाले बैलेट पेपर और छपाई स्थानीय स्तर पर ही करा ली जाए। प्रत्येक पद के लिए चिन्हित ईवीएम के लिए 5 मतपत्र प्रति बूथ की दर से और टेंडर वोट के लिए प्रति बूथ की दर से 20 बैलट पेपर की दर से प्रिंटिंग कराई जाए।

अधिकतम 16 अभ्यर्थियों के नाम होंगे

मुखिया पद के लिए 15 बूथ हैं तो ईवीएम में प्रयुक्त किए जाने के लिए कुल 75 मतपत्र और टेंडर वैलिड के 3000 मतपत्रों की छपाई करने को कहा गया है। एक-एक सीट मतपत्र में अधिकतम 16 अभ्यर्थियों के नाम होंगे। 16 से कम प्रत्याशी होने पर नीचे के पैनल को खाली रखा जाएगा. प्रत्याशियों की संख्या 33-48 के बीच होगी तो 3 और 49-64 तक हो तो 4 सीट का प्रयोग होगा। ईवीएम में अधिकतम 64 अभ्यर्थियों को शामिल करने की व्यवस्था की गई है। पंचायत चुनाव के बाद तीन अधिकारियों को ईवीएम और बैलट बॉक्स स्ट्रांग रूम में जमा कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। पहले केवल पीठासीन पदाधिकारी मजिस्ट्रेट के साथ बैलट बॉक्स जमा कर आते थे, लेकिन पहली बार 4 पदों के मतदान के लिए ईवीएम के प्रयोग होने के कारण इसे जमा कराने की जिम्मेवारी तीन अफसरों को सौंपी जा रही है। मतदान खत्म होने के साथ ही पीठासीन पदाधिकारी के अलावा मतदान अधिकारी-1 और मतदान पदाधिकारी-2 को दायित्व सौंपा गया है।