झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह मामला इंटरनेट मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से जुड़ा है। इस मामले के आरोपित ऋषिकेश कुमार की ओर से हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि एसएसी-एसटी एक्ट की धारा-15 (ए) के तहत बिना पीड़ित को सुने अदालत कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया जा रहा है।
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गढ़वा के रहने वाले ऋषिकेश कुमार द्वारा इंटरनेट मीडिया पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इस पर पुलिस ने चार जून को इसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के तहत मामला दर्ज किया है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि उसकी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी। वहीं, उनके खिलाफ किसी तरह का मामला नहीं बनता है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की जाए।
इसके बाद अदालत ने गढ़वा एसपी को अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग यानि वीसी के जरिए हाजिर होने का आदेश दिया। जब गढ़वा एसपी अदालत में वीसी से जुड़े तो अदालत ने पूछा कि क्या इस मामले में पुलिस फाइनल फार्म जमा करेगी। उनकी ओर से स्पष्ट जवाब नहीं दिए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। इस दौरान अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत को बताया कि अगर कोई किसी व्यक्ति को अपमानित करने की मंशा से इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट लिखता है तो उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत आपराधिक मामला चलाया जा सकता है। उनकी ओर से यह भी बताया गया कि इस मामले में मुकदमा चलाया जाएगा। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। इसके बाद अदालत ने मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है।
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