
पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा का चुनाव होना है।चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मुद्दा अब जोर पकड़ने लगा है। अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच ही जुबानी बयानबाजी का दौर चल रहा था,लेकिन अब उसमें शिरोमणि अकाली दल भी कूद पड़ी है। शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर मंगलवार को पंजाब की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के काफिले को कभी भी कहीं भी 20 मिनट के लिए नहीं रोका गया है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए रास्ता साफ हो सकता है तो प्रधानमंत्री के लिए क्यों नहीं? इतना ही नहीं, विक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब की कांग्रेस सरकार और प्रदेश के मुखिया चरणजीत सिंह चन्नी को कठघरे में खड़ा करते हुए उनपर गंभीर आरोप भी लगाये हैं।
विक्रम सिंह मजीठिया ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद मजीठिया ने पहली बार चरणजीत सिंह चन्नी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले को पंजाब में 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रोका गया, क्योंकि इसकी योजना मख्यमंत्री के कार्यालय में प्रधानमंत्री के दौरे के पहले ही बनाई गई थी।
मजीठिया ने कहा कि जब आप अक्षम अफसरों को पुलिस महानिदेशक बनायेंगे, जो यूपीएससी की पैनल में नहीं आते, वैसे अधिकारियों को सीनियर पोस्ट पर अप्वाइंट करेंगे, तो ऐसी घटनाएं होंगी ही। उन्होंने कहा कि जब आप मुख्यमंत्री के लिए रास्ता ढूंढ़ सकते हैं कि उनका काफिला न रुके, तो प्रधानमंत्री के लिए क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की जान को आपने जानबूझ कर खतरे में डाला।
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं है।यह मामला प्रधानमंत्री का है। देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश के लिए सबसे बड़ी बात है। मैं बता रहा हूं कि मुख्यमंत्री के कार्यालय में प्लानिंग और प्लॉटिंग की गई थी। इसमें पंजाब के गृहमंत्री की भी सहभागिता रही है। उनकी सहमति से यह सब कुछ हुआ है। आखिर आज तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस के नेता का रास्ता कहीं क्यों नहीं रोका गया? आजतक कभी भी ऐसा नहीं हुआ। फिर प्रधानमंत्री के काफिले को कैसे रोका गया? इसकी तह में जाने की जरूरत है।
विक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले एक अक्षम अधिकारी को तैनात किया। उसका इस्तेमाल किया और जब इस्तेमाल हो गया, तो फिर उसे हटा दिया। आखिरकार चन्नी साहब ने पुलिस महानिदेशक को हटा दिया न। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरे में डालने की यह सोची-समझी साजिश थी और इसका पूरा प्लॉट मुख्यमंत्री के कार्यालय में बना था।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे। बठिंडा एयरपोर्ट से निकलने के बाद जब वह सड़क मार्ग से फिरोजपुर जा रहे थे, तो बीच रास्ते में कुछ लोगों ने उनका रास्ता एक फ्लाईओवर पर रोक दिया था। उस फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को 20 मिनट तक रोके रखा गया। इस दौरान न तो पंजाब पुलिस ने सुरक्षाकर्मियों को वहां भेजा, न ही मुख्यमंत्री ने इस संबंध में फोन पर अपने अधिकारियों से बात ही किया।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को जब फोन किया गया, तो उन्होंने फोन पर बात करने से भी इंकार कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लिया, क्योंकि पीएम के काफिले में न तो पंजाब के पुलिस महानिदेशक थे।और न ही मुख्य सचिव। मुख्यमंत्री ने जैसी प्रतिक्रिया दी, उसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने जान-बूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन को खतरे में डाल दिया था।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि भाजपा की जनसभा में भीड़ नहीं जुटी थी, इसलिए पीएम मोदी वहां से खुद ही लौट गये थे। उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में चरणजीत सिंह चन्नी ने इसके लिए माफी मांगी मांगते भी नजर आए थे। साथ ही एक जांच कमेटी का भी गठन कर किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सेक्रेटरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में इस मुद्दा के गरमाने की पूरी संभावना है, क्योंकि पंजाब देश का सीमावर्ती राज्य है। पाकिस्तान की सीमा से सटे इस राज्य में हथियारों और ड्रग्स की पाकिस्तान से तस्करी होती है। पिछले दिनों बीएसएफ ने सीमा के निकट एक पाकिस्तानी नाव जब्त की थी। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बार बार आगाह करते रहे हैं।
You must be logged in to post a comment.