पूर्व RBI गर्वनर उर्जित पटेल बनाये गये NIPFP के चेयरमैन, नोटबंदी पर उठाया था सवाल

पूर्व आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल को अब नई जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उर्जित पटेल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) का चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है। पटेल इस पद को 22 जून से संभालेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले इस पद पर विजय केलकर नियुक्त थे।

​एनआईपीएफपी ने दी जानकारी

इसकी जानकारी देते हुए ​एनआईपीएफपी ने बयान में कहा, ‘‘हमें इस बात की खुशी है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल 22 जून, 2020 से चार साल के लिए संस्थान के चेयरपर्सन के रूप में हमसे जुड़ रहे हैं।’’ आपको बता दें कि एनआईपीएफपी का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक अर्थशास्त्र से संबंधित क्षेत्रों में नीति निर्माण में योगदान देना है। इस संस्था को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अलावा और विभिन्न राज्य सरकारों से वार्षिक अनुदान सहायता मिलता है।

पहले कार्यकाल में हीं दिया था इस्तीफा

साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल ने आरबीआई गवर्नर के कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। पटेल का तीन साल का कार्यकाल सितंबर, 2019 में पूरा होना था। उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय बैंक के बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक से पहले दिया था। इस बैठक में सरकार के साथ मतभेदों को दूर करने पर बातचीत होनी थी।

नोटबंदी के फैसले पर भी उठाए थे सवाल!

उर्जित पटेल जब रिजर्व बैंक के गवर्नर नियुक्त किए गए थे। उसके 3 महीने के भीतर नोटबंदी का फैसला लिया गया। बीते साल आरटीआई में ये खुलासा हुआ कि नोटबंदी के फैसले को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मोदी सरकार को आगाह किया था. दरअसल, आरबीआई इस तर्क से सहमत नहीं था कि काले धन का लेनदेन कैश के जरिए होता है।