सुप्रीम कोर्ट में वसीम रिजवी की याचिका पर इंडियन मुस्लिम फाॅर प्रोग्रेस एंड रिफार्म ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- याचिका से हिंसा को मिल रहा प्रोत्साहन, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरान शरीफ की 26 आयतों को प्रतिबंधित कराने के संदर्भ दी गई याचिका पर कठोर प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन मुस्लिम फाॅर प्रोग्रेस एंड रिफार्म ने कहा कि रिजवी की याचिका से हिंसा को प्रोत्साहन मिल रहा है. इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.

कुरान में किसी तरह का कोई बदलाव का अधिकार नहीं

इंपार ने कहा कि याचिका से मुस्लिम समुदाय और देश के दूसरे नागरिकों की भावनाओं में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहा है.इंपार की ओर से कहा गया कि वसीम रिजवी ने भारत सरकार समेत 57 मुस्लिम संस्थाओं और संगठनों को अदालत में पार्टी बनाया है. किसी को भी इस बात का अधिकार नहीं कि वह कुरान में किसी तरह का कोई बदलाव करे.याचिका के माध्यम से सिर्फ मुसलमानों के जज्बात को भड़काने की कोशिश की गई है. इसके जरिए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नकारात्मक एजेंडा चलाने का प्रयास है, जिसे समुदाय को समझना होगा. अन्यथा बड़ा नुक्सान हो सकता है.

याचिकाकर्ता की मंशा सस्ती लोकप्रियता पाना

इंपार ने कहा कि याचिकाकर्ता की मंशा सस्ती लोकप्रियता पाने और खुद को सीबीआई जांच से बचाने के सिवाए कुछ नहीं.इंपार ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि कुरान के मानने वाले इस याचिका के बाद, प्रदर्शन, आंदोलन और धरने के जाल में फंसते जा रहे हैं. मीडिया की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए इंपार ने कहा कि खुशी की बात है कि टीआरपी बटोरने में माहिर मीडिया ने पिछली नीतियों से शायद सीख लेते हुए इस बार कुरान के मामले में वैसा प्रचार नहीं किया.

इंपार ने कहा कि इस जनहित याचिका पर कानूनी विशेषज्ञों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता के पास इस के लिए कोई आधार नहीं.आशा की जा रही है कि याचिका को अदालत खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाएगी. इससे पहले कोलकाता हाई कोई ऐसी याचिका खारिज कर चुकी है.