बिहार में एक बार फिर कोर्ट से बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है…पटना हाईकोर्ट ने पिछले 2 वर्षों से नियुक्त बीएड डिग्री धारक नियोजित शिक्षकों (छठे चरण) को नौकरी से हटाने का फैसला सुनाई है। पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिनव ने कहा कि हाईकोर्ट ने कहा कि जो लोग डीएलएड होंगे, वही प्राथमिक शिक्षक बन सकते है। पहले सरकार ने इन्हें प्राथमिकता देने की बात कही थी। इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि जो लोग डीएलएड डिग्री धारक होंगे, वही प्राथमिक शिक्षक बन पाएंगे।
अभी ऑर्डरशीट नहीं आया है
वहीं प्राथमिक शिक्षक का कहना है कि अभी ऑर्डरशीट आया नहीं है। केवल अफवाह उड़ाया गया है। 2022 में छठे चरण में 42 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इसमें एक से पांच वर्ग तक के लिए 22 हजार नियोजित शिक्षक बहाल हुए थे। इनको सरकार द्वारा बहाली के दो वर्ष के अंदर ब्रिज कोर्स करवाना था। इसे बिहार सरकार ने अब तक नहीं करवाया है। सरकार को यह कोर्स नियुक्ति के दो वर्ष के अंदर कराना था।
2 दिसंबर को हाईकोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित
शिक्षक संघ का कहना है कि विगत 2 दिसंबर को हाईकोर्ट ने बी.एड शिक्षकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। इसके बाद से बीएड योग्यता धारी शिक्षकों की सांसे अटकी हुई हैं। सभी शिक्षक कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे, इसी बीच कोर्ट का फैसला आने के पूर्व ही सोशल मीडिया पर बीएड योग्यता प्राप्त शिक्षकों को नौकरी से हटा देने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या मामला है।
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