नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी- नालंदा केवल एक नाम नहीं, यह एक पहचान, सम्मान और गौरव गाथा है

नालंदा विश्वविद्यालय कैंपस के लोकार्पण पर पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन नालंदा में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है। यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा कि नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।

मोदी ने कहा कि तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद नालंदा आने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है। यह स्वर्णिम युग की शुरुआत है। हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा यहां पर हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं। अपने प्राचीन अवशेषों के पास नालंदा का नवजागरण, ये नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नालंदा बताएगा जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वे राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है। मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं।

पीएम मोदी ने 19 जून यानी आज बुधवार को कहा कि प्राचीन नालंदा में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है। दुनिया के कई देशों से यहां विद्यार्थी आने लगे हैं। यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएं मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा! लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है