
राजधानी पटना के पडोसी जिला जहानाबाद के एक्साइज़ ऑफिस कैंपस में तीन लोग शराब पीने की खबर ने नीतीश कुमार के शराब बंदी कानून पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया हैं। राज्य में एक तरफ जहां पूर्ण शराब बंदी है, वहीं इसको तोड़ने वाले भी कम नहीं है, जिनपर शराबबंदी कानून को लागू करवाने की जिम्मेदारी है, वही इस कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं। मालूम हो कि बिहार में शराब पीना, पिलाना और बेचना तीनों दंडनीय अपराध है।
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मामले के बारे में एक्साइज़ सुपरिन्टेडेंट कृष्ण मुरारी बताया कि ऑफिस बंद होने के बाद वहां एक कमरे में कुछ लोग शराब पार्टी मना रहे थे। इनमें एक्साइज़ विभाग का प्राइवेट ड्राइवर भी शामिल था। इस ड्राइवर का नाम दामोदर कुमार है। दरअसल में ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद विभाग का ड्राइवर दामोदर दो अन्य लोगों के साथ एक कमरे में बैठकर शराब के मजे ले रहा था। इतना ही नहीं, वह अगल-बगल के कुछ लोगों को भी शराब की बोतल बांट रहा था।
इलाके में एक्साइज ऑफिस के ड्राइवर द्वारा लोगों के बीच शराब बांटे जाने की खबर मिलने पर रही थी। मिडिया को देख शराब पी रहे लोग भागने लगे। मीडिया ने ड्राइवर से जब इस बावत सवाल किया तो उसने चुप्पी साधने के साथ मौका मिलते ही वहां से भाग खड़ा हुआ।
हालांकि विभाग के लोगों द्वारा शराब पीने की जानकारी जब एक्साइज़ सुपरिटेंडेंट कृष्ण मुरारी को मिली तो वे मौके पर पहुंच गए और इस बारे में जानकारी ली। वहीं, उनके आने के पहले ड्राइवर भाग चूका था, वैसे मोके से शराब की बोतलों के साथ पाच केन बीयर की बोतलें भी बरामद की गई।
एक्साइज़ सुपरिन्टेंडेंट कृष्ण मुरारी का कहना है कि विभाग के प्राइवेट ड्राइवर दामोदर कुमार के साथ शराब पी रहे दो अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि शराब की बोतले उनलोगों के पास कहाँ से आई, तो एक्साइज सुपरिन्टेडेंट ने बताया कि हो सकता है तीन दिनों पहले डिपो में जब्त बोतलों को नष्ट करने के क्रम में इनलोगों ने कुछ बोतलें चुरा ली हो, या यह भी हो सकता है कि शराब जब्त करने के दौरान बोतलें चुरा ली गई हो। उन्होंने कहा कि. मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें गिरफ्तार करने के साथ विभागीय कार्यवाई की जाएगी तथा जेल भेजा जाएगा।
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