
पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दो सगे भाइयों की हत्या मामले में पत्रकार नगर की पुलिस ने एफआईआर में नामजद एक आरोपित हरेंद्र शर्मा उर्फ बबलू को गिरफ्तार किया है। वह मूल रूप से धनरुआ के नीमा का रहने वाला है। पूर्व में हुई अभिराम शर्मा और दिनेश शर्मा की हत्या में भी हरेंद्र आरोपित था। इस मामले में पूर्व विधायक के भतीजे अमन के बयान पर कुल सात लोगों पर पत्रकार नगर थाने में नामजद केस दर्ज किया गया है।
आरोपितों में पांडव सेना का सरगना संजय सिंह, उसके भाई रंजय सिंह, साले, ममेरे भाई व अन्य शामिल हैं। इधर, पुलिस ने मंगलवार की देर रात ही शंभू शरण शर्मा और गौतम सिंह के शवों का पोस्टमार्टम आईजीआईएमएस में करवा दिया। कानूनी प्रकिया पूरी होने के बाद शवों को परिजनों के हवाले सौंप दिया गया। सुल्तानगंज के गुलाबी घाट पर शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
वहीं, दूसरी ओर पुलिस पांडव सेना के सरगना संजय सिंह के साथ ही कॉन्ट्रैक्ट किलरों को भी तलाश रही है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस अब तक एक सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल कर चुकी है। उनमें शूटरों की तस्वीर दिख गयी है। यह बात भी सामने आयी है कि दोनों अपराधी कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं। नामजद आरोपितों की तलाश में पटना पुलिस की टीम ने मसौढ़ी, नौबतपुर, जहानाबाद, अरवल व अन्य इलाकों में छापेमारी की। एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बबलू की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में पुलिस की छापमारी जारी है। जल्द ही अन्य आरोपित भी पकड़े जायेंगे।
रांची में डीआईयू का छापा
पटना पुलिस की जिला आसूचना इकाई की टीम सुबह के वक्त ही रांची के लिये रवाना हो गया थी। पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह के रांची में होने की खबर पुलिस को मिली है। इससे पहले पुलिस ने बिड़ला कॉलोनी स्थित संजय के ठिकाने पर छापेमारी की थी। लेकिन वहां वह नहीं मिला।
संजय की करीबी महिला सहित दो से पूछताछ
सूत्रों की मानें तो पुलिस टीम ने संजय की एक करीबी महिला सहित दो से पूछताछ की है। यह बात भी सामने आ रही है कि घटना से पहले ही संजय बिहार छोड़कर बाहर निकल गया था।
बेऊर जेल से जुड़ रहे तार
इस घटना के तार बेऊर जेल से भी जुड़ने लगे हैं।। सूत्रों की मानें तो जल्द ही पटना पुलिस की टीम जेल में बंद अपराधी नीतीश से भी पूछताछ कर सकती है। नीतीश ने पूर्व विधायक के दो अन्य रिश्तेदारों की कांट्रैक्ट किलिंग की थी। पूछताछ के दौरान उसने संजय सिंह के इशारे पर हत्या करने की बात को कबूल की थी। जेल के कुछ अधिकारियों से भी पटना पुलिस ने संपर्क किया था।
10 फीट के रास्ते के विवाद में 10 सालों में गिर चुकी हैं आठ लाशें
महज 10 फीट के रास्ते के विवाद में बीते 10 सालों से 8 लाशें गिर चुकी हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गैरमजरुआ जमीन को लेकर यह अदावत वर्ष 2012 में शुरू हुयी। पटना-गया एनएच-83 से गांव में जाने वाली एक लेन को लेकर विवाद शुरू हुआ। जबकि अतिक्रमित लेन की स्थिति जस की तस है। पटना-गया सड़क से करीब सौ फीट पूरब पांडव सेना के सरगना संजय सिंह का मकान है।
संजय सिंह उक्त अतिक्रमित लेन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये अपने स्तर से पहले कई बार प्रयास कर चुका है। इधर, इस रास्ते को लेकर वर्ष 2012 में ही विवाद गहराया और गांव के विजेंद्र शर्मा की हत्या हो गई। इसमें नीमा गांव के हृदय नारायण सिंह व उसका पुत्र दीपक कुमार समेत अन्य लोगों पर आरोप लगा। इस मामले में हृदय नारायण सिंह फिलहाल जेल में सजा काट रहा है। जबकि उसके पुत्र दीपक कुमार का वर्ष 2020 में 9 जुलाई को अपहरण कर हत्या करने के बाद उसके शव को धनरुआ के मधुबन में फेंक दिया गया था।
हालांकि इसमें गांव के दिनेश शर्मा व उनके परिजनों को नामजद किया गया था। बाद में पुलिस अनुसंधान में दिनेश सिंह समेत उनके परिजनों को बरी कर दिया था। इसके पूर्व नौबतपुर के रामपुर निवासी दीपू शर्मा की हत्या नौबतपुर में हो गई। आरोप था कि दीपू ने ही अतिक्रमित जमीन पर उमेश शर्मा के मकान बनने के दौरान मजदूर दिया था। इस कारण उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उसी वक्त अभिराम शर्मा से भी विवाद हुआ।
अभिराम का मकान उसी लेन में है। इस बीच बीते 26 अप्रैल को जहानाबाद में अभिराम शर्मा व दिवंगत हो चुके विजेंद्र शर्मा के भाई दिनेश शर्मा की मसौढ़ी में हत्या कर दी गई। इसके बाद करीब एक माह तक शांत रहने के बाद बीते 27 मई को गांव के सुधीर कुमार जो चितरंजन कुमार के साढू थे, उनका शव नीमा हॉल्ट के पास रेलवे ट्रैक के पास मिला था। हालांकि इस मामले में सुधीर के भाई रिंकू द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर शव को ट्रैक पर फेंक देने को लेकर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। अभी इस मामले की जांच जीआरपी तारेगना कर ही रही थी कि बीते मंगलवार को पटना में चितरंजन कुमार के दो भाइयों की हत्या हो गयी।
गोली लगने के बाद गिरा दी थी अपराधियों की बाइक, फिर…
शूटरों की गोली लगने के बाद भी पूर्व विधायक के भाई शंभू ने दिलेरी दिखायी थी। उन्होंने अपराधियों की बाइक को गिरा दिया और उनसे उलझ गये। सीसीटीवी कैमरे में यह फुटेज रिकॉर्ड हो गया है। शंभू को हावी होता देख अपराधी दोबारा लौटकर आये और उनके सिर में गोली मार दी। जिस तरीके से इस खूनी वारदात को अंजाम दिया गया, उससे यह साफ है कि शूटर पेशेवर थे।
शंभू के छोटे भाई ने भागने की कोशिश की थी लेकिन अपराधियों ने खदेड़कर उन्हें पकड़ लिया और सिर में गोली मार दी। सीसीटीवी कैमरे में 40 सेकेंड के वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि किस तरीके से बाइक सवार दो अपराधियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया। गोली चलता देख आसपास के इलाके में अफरातफरी मच गयी।
एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या से सदमे में परिजन
एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या से परिजन सदमें में हैं। अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा घटना के बाद काफी टूट चुके हैं। उन्होने कहा कि विगत 36 दिनों में पहले जहानाबाद व मसौढ़ी में चाचा अभिराम शर्मा व भतीजा दिनेश्वर शर्मा की हत्या से उबर भी नही पाये थे कि बीते मंगलवार को दो सहोदर भाइयों की हत्या कर दी गई। उन्होंने किसी का नाम नहीं लेते हुये इशारे ही इशारे में गांव के संजय सिंह, जो कभी इनके काफी करीबी हुआ करते थे, उनकी ओर इशारा करते हुये कहा कि यह काम आदमखोर प्रवृत्ति के लोग ही कर सकते है। जो भी ऐसा कर रहे हैं वे हमें कमजोर करने की साजिश के तहत कर रहे हैं। बीच में उनके कुछ परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने पूर्व की हत्या में गंभीर होकर कार्रवाई की होती तो मंगलवार की घटना घटित होने से बच जाती। बीते 26 अप्रैल की घटना के बाद एक माह से ऊपर हो गया है। इसमें जहानाबाद व मसौढ़ी पुलिस की कार्रवाई शून्य है। जबकि हमलोगों के द्वारा बार-बार खतरा होने की बात पुलिस को बताई गयी है। बावजूद पुलिस गंभीर नही हो पायी और इस मामले में पुलिस कार्रवाई अभी तक शून्य है।
सुधीर की हत्या का बदला लेने के लिये करवाया डबल मर्डर
पांडव गिरोह के सरगना का सुधीर करीबी था। उसकी हत्या कर लाश को रेलवे लाइन के किनारे फेंक दिया गया था। इस बाबत तारेगना जीआरपी में मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पूर्व विधायक के दोनों भाईयों की हत्या का तात्कालिक कारण सुधीर हत्याकांड प्रतीत हो रहा है। इसके पहले वर्ष 2020 में बाजार में खरीदारी कर रहे संजय पर जान से मारने की नियत से गोली चलायी गयी थी। उसी के बाद से दोनों गुटों में अदावत बढ़ गयी। फिर संजय ने कई हत्या की घटनाओं को अंजाम दिलवाया।
संजय सिंह, संजय सिंह के भाई धनंजय कुमार उर्फ रंजय, कौशलेन्द्र कुमार उर्फ संजय कुमार, हरेन्द्र कुमार बबलू, नदवां पंचायत के पूर्व मुखिया अजय कुमार शर्मा (सभी नीमा गांव), छोटे उर्फ छोटे सरकार (सिकंदरपुर बिहटा) सहित सात पर हत्या का केस दर्ज करवाया गया है। वहीं दो अज्ञात हमलावरों पर भी एफआईआर हुई है।
पटना के एसएसपी डॉ मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिये हमारी टीम लगातार छापेमारी कर रही है। डबल मर्डर का तात्कालिक कारण सुधीर हत्याकांड प्रतीत होता है। अलग-अलग पहलुओं पर हमारी छानबीन जारी है। एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।’
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