कालेज आफॅ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना के अंग्रेजी विभाग द्वारा सोमवार को ‘लीविंग अंडर द शैडो आफॅ कोविड 19’ विषय पर वेबनार आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्रचार्य प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में इस महामारी को सदी की सबसे बड़ी त्रासदी बताते हुए कहा कि हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी और इस महामारी का पूरी सतर्कता के साथ मुकाबला करना होगा।
इस वेबिनार में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के आलोक में पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। इसे से निपटने के लिए राजनीति , समाज और नैतिक स्तर पर मुकाबला करने की इक्छा शक्ति होनी चाहिए। वहीं डॉ राजेन्द्र सिंह ने अपने व्याख्यान में कोविड 19 को सामाजिक न्याय से जोड़ते हुए छुआ छूत को पारिभाषित भी किया और ‘ सामाजिक दूरी’ जैसे शब्द को एक सामाजिक संदर्भ भी दिया। डॉ शिव कुमार यादव ने Covid 19 की विवेचना करते हुए इसे एक ऐतिहासिक परिवेश में परखा और साहित्य महामारी के आपसी ताल मेल की विस्तार से विवेचना की। वहीं डॉ सैय्यद अफ़रोज़ अशरफी ने इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए महामारी काल खंड में साहित्य को मरहम के रूप में प्रस्तुत करने की सलाह दी।
वेबनार की संयोजक अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सलोनी कुमार ने कोविड 19 के दुष्प्रभावों को साहित्य के माध्यम से उजागर करने और इस से निपटने के सुझाव खोजने तथा समाज में इस बीमारी के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने की सलाह दी। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ अदिति ने किया।
वेबनार से अन्य विभागों के प्रोफेसर्स डॉ रश्मि अखौरी, डॉ पद्मिनी प्रसाद, डॉ कीर्ति, डॉ संतोष कुमार, डॉ पदमदेव भी शामिल हुए। यह वेबिनार अवधि लगभग दो घंटे तक चला जिसमे सैकड़ो छात्रों ने भी भाग लिया और अपने प्रश्नों के द्वारा अपनी जागरूकता भी दर्ज करायी।
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