कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए राज्यसभा से 8 सांसद को निष्काषित कर दिया गया था। जिसके बाद सोमवार पूरी रात वे संसद के बाहर धरना पर बैठे रहे। इसी बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मंगलवार को उनसे मिलने के लिए पहुंचे और उन्हें चाय दी।
चाय पर क्या कहा सांसदों ने ?
धरने पर बैठे सांसदों ने उपसभापति की चाय पीने से मना कर दिया। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ’जब वे हमारे घर आएंगे तो हम व्यक्तिगत रिश्ते निभाएंगे लेकिन यहां हम किसानों के लिए बैठे हैं इसलिए ये व्यक्तिगत रिश्ते निभाने का वक्त नहीं है। हम चाहते हैं कि ये काला कानून वापस लिया जाए। देश के हजारों किसान भूखे-प्यासे सड़कों पर इस काले कानून के खिलाफ हैं।’
सांसद रिपुन बोरा ने कहा-हमसे उपसभापति नहीं एक सहयोगी मिलने आये
वहीं कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा, ’हरिवंश जी ने कहा कि वे एक सहयोगी के रूप में हमसे मिलने आए थे, न कि राज्यसभा के उपसभापति के रूप में। वह हमारे लिए चाय और नाश्ता भी लाए थे। हमने अपने निलंबन के विरोध में कल से यह धरना प्रदर्शन शुरू किया। हम पूरी रात यहां रहे हैं। सरकार से कोई भी हमारे बारे में पूछने के लिए नहीं आया। कई विपक्षी नेता हमारे बारे में पूछताछ करने और हमारे साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए थे। हम इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे।’
क्यों हुए थे निष्काषित
रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ हुए दुर्व्यवहार पर कार्रवाई करते हुए सोमवार को सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। निलंबित सांसदों के नाम डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, डोला सेन और ए करीम हैं।
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