
भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी सरगर्मी के बीच देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जहां देश के लिए खतरा पैदा होगा, वहां भारत न केवल अपनी सीमा में लड़ेगा बल्कि विदेशी जमीन पर भी जाकर लड़ेगा। चीन के संदर्भ में तो यह बयान को लिया हीं जा रहा है, कहीं न कहीं लगातार आतंकी साजिश रच रहे पाकिस्तान को लेकर भी इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
डोभाल ने नई रणनीतिक सोच के बारे में बताया
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में डोभाल ने कहा कि भारत किसी पर पहला वार नहीं किया है, नई रणनीतिक सोच में यह शामिल है कि हम सुरक्षा खतरों को कम करने के लिए हम सक्रियता से कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ’’यह जरूरी नहीं है कि हम वहीं लड़ें जहां तुम चाहो, भारत लड़ाई को वहां ले जाएगा जहां से खतरा पैदा होता है।’’
आधिकारिक सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि डोभाल का संदर्भ सभ्यतागत नीति पर अधिक था। डोभाल ने कहा, ’’हम कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए कभी आक्रामक नहीं होते हैं। हम निश्चित तौर पर अपनी जमीन के साथ विदेशी जमीन पर भी लड़ेंगे, लेकिन व्यक्तिगत हितों के लिए नहीं, परमार्थ आध्यात्मिकता के हित में। हमारा सभ्य राज्य किसी भी धर्म भाषा या संप्रदाय पर आधारित नहीं है, बल्कि इस राष्ट्र का आधार इसकी संस्कृति है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शनिवार को उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां पर अपनी पत्नी के साथ कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा अर्चना की। साथ ही ग्रामीणों के साथ खुलकर गढ़वाली भाषा में भी बातचीत की। एनएसए बनने के बाद डोभाल तीसरी बार अपने गांव आए।
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